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बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पत्रकारों का देशभर में प्रदर्शन

सैकड़ों की संख्या में पत्रकारों ने सोमवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही हत्याओं के विरोध में मानव श्रंखला बनाकर प्र्दशन किया

बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पत्रकारों का देशभर में प्रदर्शन
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नई दिल्ली। सैकड़ों की संख्या में पत्रकारों ने सोमवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही हत्याओं के विरोध में मानव श्रंखला बनाकर प्र्दशन किया। इसमें बेंगलुरू में गौरी लंकेश और त्रिपुरा में शांतनु भौमिक की हत्या पर विरोध जताया और देश में आलोचना के खिलाफ बढ़ रही असहिुष्णता की तरफ ध्यान आकर्षित किया। कई पत्रकार यहां भारतीय प्रेस क्लब (पीसीआई) में उपस्थित हुए और उन्होंने कर्तव्य निभाते हुए मारे गए अपने सहयोगियों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए राजधानी के मध्य एक मानव श्रृंखला बनाई।

गांधी जयंती के अवसर पर यह विरोध प्रदर्शन भारतीय प्रेस क्लब, फेडरेशन ऑफ प्रेस क्लब इन इंडिया, इंडियन वूमेन्स प्रेस कॉर्प्स, प्रेस एसोसिएशन, केरल यूनियन ऑफ वर्किं ग जर्नलिस्ट और इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन समेत कई मीडिया संगठनों द्वारा आयोजित किया गया था।

इस प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा पिछले महीने हुई कर्नाटक में लंकेश पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश की हत्या था, और त्रिपुरा में भौमिक की हत्या का था। लंकेश को उनके घर के ही सामने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था और भौमिक की दो पक्षों के बीच टकराव को कवर करने के दौरान आदिवासी समूह के लोगों ने अपहरण कर हत्या कर दी थी।

एक स्वतंत्र गैर लाभकारी संगठन के आंकड़े के मुताबिक, 2014 से अब तक कम से कम 10 पत्रकारों की किसी न किसी कारण वश हत्या कर दी गई है।

पत्रकारों ने कहा, "इस विरोध प्रदर्शन का मकसद देश के अंदर पत्रकारिता पर हो रहे हमलों की तरफ चिंता को दर्शाना है और दो अक्टूबर जैसे महान दिन पर वे सिर्फ एक ही मकसद देना चाहते हैं कि पत्रकारों पर किसी भी तरह के हमले को अहिंसा की इस जमीन पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

प्र्दशन कर रहे पत्रकारों ने बाद में एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए, जिसे गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा जाएगा। इसमें विभिन्न राज्यों में हो रहे पत्रकारों पर हमले के बारे में ध्यान देने और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की गई है।


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