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जातिगत जनगणना की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन
बिहार में जातिगत जनगणना की मांग पूरी होने के बाद विभिन्न जातिवादी संगठन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी मांगों को मनवाने के लिए लामबंद हो रहे हैं।

गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: जातिगत जनगणना की मांग अब मध्यप्रदेश में भी जोर पकड़ने लगी है, यदुवंशी समाज संगठन के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष रूपेश यादव के साथ रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट का घेराव किया, कलेक्ट्रेट परिसर की सुरक्षा के मद्देनजर मौके पर तैनात भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को बाहर ही रोक लिया। दरअसल बिहार में जातिगत जनगणना की मांग पूरी होने के बाद विभिन्न जातिवादी संगठन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी मांगों को मनवाने के लिए लामबंद हो रहे हैं।
यदुवंशी संगठन के नेता अपने हाथ में बाबा साहब अम्बेडकर की फोटो लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए नजर आए, अपनी 17 सूत्रीय मांगों में जातिगत जनगणना,सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन, पिछले दिनों विवाद में घिरी गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर लगे टीनशैड को हटाने, 27 प्रतिशत एससीएसटी आरक्षण को लागू करने, ग्वालियर में बने एक हजार बिस्तर के हॉस्पिटल का नाम अम्बेडकर के नाम पर करने, नगर निगम पंचायत की भांति विधानसभा और लोकसभा में भी आरक्षण लागू करने, अम्बेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने पर देशद्रोह का केस दर्ज करने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गाली देने वाले करणी सेना के सभी आरोपियों और आयोजकों पर देशद्रोह का मुकदमा लगाने समेत अन्य मांगों के संबंध में जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया, मांगें नहीं मानने पर 2023 के चुनाव में ओबीसी एससी एसटी समाज द्वारा स्थानीय मंत्रियों और सरकार को मजा चखाने और आंदोलन करने की धमकी भी दे डाली, वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि इन मांगों में से अधिकांश मांगें केंद्र सरकार राज्य शासन के अधीन आती हैं वहीं सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है इसलिए सभी मांगों को संबंधित को भेज दिया जाएगा।
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