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पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में पूरे कर्नाटक में प्रदर्शन

रिष्ठ कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में बुधवार को पूरे कर्नाटक में प्रदर्शन हुए। मंगलवार को उनके आवास पर तीन अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में पूरे कर्नाटक में प्रदर्शन
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बेंगलुरू। वरिष्ठ कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में बुधवार को पूरे कर्नाटक में प्रदर्शन हुए। मंगलवार को उनके आवास पर तीन अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। राज्य भर में उनकी हत्या की निंदा हो रही है। विरोध प्रदर्शन कर रही भीड़ में पत्रकार, कार्यकर्ता, लेखक, चिंतक और महिला संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हैं।

लोग यहां मौन विरोध प्रदर्शन करने के लिए टाउन हॉल में एकत्रित हुए और उन्होंने तख्तियां पकड़ रखी थी। एक तख्ती पर लिखा था, "आप किसी शख्स की हत्या कर सकते हैं, उसके विचारों की नहीं।"

विक्टोरिया अस्पताल परिसर में भी पत्रकारों ने मौन विरोध प्रदर्शन किया, जहां उनका (गौरी लंकेश) पोस्टमॉटर्म हुआ है। राज्य भर में मंगलुरू, कलबुरगी, धारवाड़, कोप्पल आदि क्षेत्रों में नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

हत्या के विरोध में मैसूर में पत्रकारों ने अपने कंधों पर काले फीते बांधे और उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और देश के अन्य शहरों में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई गई।

इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी बुधवार को अपने सभी आधिकारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री ने मंगलवार रात घटी घटनाओं के मद्देनजर केरल की एक दिन की यात्रा सहित अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।"

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस हत्या पर हैरानी और चिंता जताते हुए बुधवार को कहा, "इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।"

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर असहमति जताने पर चुप कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह उनकी (भाजपा) विचारधारा का हिस्सा है। उन्होंने कहा, "जो भी भाजपा के खिलाफ बोलता है, उसे चुप करा दिया जाता है..।"

लंकेश (55) की तीन अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह अपने कार्यालय से घर लौटी थीं। लंकेश लोकप्रिय कन्नड़ टेबलॉयड 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं।

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित करने को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। नवंबर 2016 में इस मामले में उन्हें छह माह जेल की सजा हुई थी। वह फिलहाल जमानत पर थीं।


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