गुड़गांव में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों के विरोध में प्रदर्शन
दिल्ली, फरीदाबाद, मुंबई, पुणे, गोवा और हैदराबाद में पुलिस द्वारा मानवाधिकार, ट्रेड यूनियन, दलित व जनजातीय अधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों के घरों पर छापेमारी और गिरफ्तारियों के खिलाफ आज जन एक

गुड़गांव। दिल्ली, फरीदाबाद, मुंबई, पुणे, गोवा और हैदराबाद में पुलिस द्वारा मानवाधिकार, ट्रेड यूनियन, दलित व जनजातीय अधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों के घरों पर छापेमारी और गिरफ्तारियों के खिलाफ आज जन एकता जन अधिकार आंदोलन के तत्वावधान में आज यहां लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया गया।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के हरियाणा अध्यक्ष सतवीर सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जोनल सचिव एस एल प्रजापति, ऑल इंडिया लेबर यूनियन (एआईएलयू) के एडवोकेट विनोद भारद्वाज, जनवादी महिला समिति की उषा सरोहा, भारती देवी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित, यसेश यादव आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने बाद में तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि फासीवादी फन अब खुल कर सामने आ गए हैं और यह स्थिति आपातकाल की स्पष्ट घोषणा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र व राज्य सरकारें अधिकारों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ बोलने वाले किसी भी शख्स के पीछे पड़ रही हैं।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि नागरिक अधिकारों के संरक्षण में लगे इन वकीलों, बुद्धिजीवियों कि ये गिरफ्तारियां इस सरकार के बारे में खतरनाक संकेत देती हैं जिसे 2019 में अपना जनादेश खोने का डर है और सरकार बौखला गई है।
जन एकता जन अधिकार आंदोलन में शामिल घटकों ने मांग की कि सरकार गिरफ्तार किए गए सभी बुद्धिजीवियों को रिहा करे और इनपर लगाई गई धाराओं को तुरंत खारिज करे।


