नोट बंदी की सालगिरह पर विरोध दिवस मनाएगा वाम दल
छह वाम दलों ने नोट बंदी की घोषणा के एक साल पूरे होने पर आठ नवम्बर को देश भर में विरोध दिवस मनाने का फैसला किया है

नयी दिल्ली। छह वाम दलों ने नोट बंदी की घोषणा के एक साल पूरे होने पर आठ नवम्बर को देश भर में विरोध दिवस मनाने का फैसला किया है।
इसके साथ ही उसने नौ नवम्बर से मजदूर संगठनों के ‘महापड़ाव’ यानी जन एकता जन अधिकार आन्दोलन को भी समर्थन देने का भी निर्णय किया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ़ इंडिया और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी -लेनिनवादी) ने आज यहाँ अजय भवन में बैठक कर यह फैसला किया।
बैठक के बाद जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि विरोध दिवस मनाने के लिए क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
इसका फैसला राज्यों की इकाइयां करेंगी।
वाम दलों ने आज यह फैसला उस समय किया जब कांग्रेस के नेतृत्व में अन्य विपक्षी दलों ने नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर काला दिवस मनाने की कल घोषणा की थी।
वाम दलों ने सभी धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील ताकतों से विरोध दिवस को सफल बनाने के लिए आगे आने की अपील की है।
इन दलों ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की नोटबंदी के फैसले से एक साल से देश की अर्थव्यस्था की हालत खस्ता है और आर्थिक मंदी आ गयी है और जनता पर इसका बुरा असर अभी भी दिखाई दे रहा है।
विज्ञप्ति में देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण संवैधानिक संस्थाओं के अवमूल्यन और लोकतान्त्रिक अधिकारों पर हमले की भी निंदा की गयी हैं।


