नोटबंदी से आतंकवाद, नक्सलवाद पर रोक का दावा निकला झूठा, मोदी देश से माफी मांगें : मोहन मरकाम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को नष्ट करने और लाखों लोगों को बर्बाद करने के बाद, मोदी सरकार को माफी मांगनी चाहिए

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को नष्ट करने और लाखों लोगों को बर्बाद करने के बाद, मोदी सरकार को माफी मांगनी चाहिए। मोहन मरकाम ने नोटबंदी को आपदा की तरह बताया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि नोटबंदी के चौथे साल पूरे होने पर कांग्रेस इसे विश्वासघात दिवस के रूप में मना रही ।
श्री मरकाम ने कहा कि भाजपा का वादा था कि 80 लाख करोड़ का काला धन वापस आएगा। 99.3 प्रतिशत पैसा वापस बैंकों में आ गया सरकार के पास कोई अतिरिक्त धन नहीं बचा। वादा था कि आतंकवाद पर रोक लगेगी- फैसले के 1 सप्ताह के अंदर कश्मीर में मारे गए उग्रवादियों से नए नोट मिले। वादा था कि नक्सलवाद खत्म होगा- हकीक़त यह है कि माओवाद नोटबंदी के बाद छत्तीसगढ़ की भाजपा के शासनकाल के दौरान ही बढ़ता गया, नक्सली घटनाओं में रमन राज में कोई कमी नहीं आई।
वादा था कि नकली नोटों पर रोक लगेगी- फैसले के 3 दिन के अंदर नकली नोट पकड़े गए, यहां तक कि बैंक के काउंटरों से नकली नोट जारी होने की खबरें आई। ना केवल बड़े शहरों से बल्कि छोटे कस्बों और गांवों तक भी नए नकली नोट भरपूर मात्रा में आ चुके हैं । यह भी दावा किया गया था कि भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, नए नोटों में रिश्वत के कई मामले सामने आ चुके हैं। भाजपा नेताओं के दबाव में कई बैंक अधिकारी काले धन को सफेद करते पाए गए। नोटबंदी के चंद महीने पूर्व ही बीजेपी ने देश के अलग-अलग राज्यों में भूमि संपत्तियों में भारी निवेश किया और एक दिन पहले ही भारी मात्रा में बैंकों में धन जमा कराया।
वादा था देश को इकोनामिक पावर बनाने का- 2014 में देश पर कर्ज 54 लाख 90 हजार करोड़ का था 5 साल के बाद देश का कर्ज 82 लाख करोड़ रुपए हो गया 5 साल में मोदी सरकार ने 27 लाख़ 12 हज़ार 940 करोड़ अतिरिक्त कर्ज लिया। 5 साल में मोदी जी हर रोज 1486 करोड़ कर्ज लेते रहे। हर महीने मोदी जी 45000 करोड कर्ज लेते हैंद्य मार्च 2020 तक 2.8 प्रतिशत बढक़र 558.5 अरब डालर पर पहुंच गया। मोदी जी का कर्ज डुबाने वाला अनर्थशास्त्र है। कोरोना के बाद तो आपदा में अवसर वर्ल्ड बैंक और एशियाई विकास बैंक से अवतार बड़ी राशि कर्ज ली जा रही है।
नोटबंदी के देश और देश की जनता पर प्रभाव
सैकड़ों लोग लाइन में खड़े होने के कष्ट को न झेल पाने के कारण जान गवाए।सकल घरेलू उत्पाद में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई जिसका सीधा असर रोजगार पर पड़ा है। बेरोजगारी दर पिछले 45 सालों में सर्वाधिक।असंगठित क्षेत्र में करोड़ों रोजगार खत्म हो गए, देश का 90 प्रतिशत रोजगार असंगठित क्षेत्र से ही संबंधित है। कृषि क्षेत्र के बाद कपड़ा और रियल स्टेट दूसरा बड़ा रोजगार देने वाला सेक्टर है, जिसकी नोटबंदी से टूट गई, करोड़ों रोजगार खत्म हो गए। पत्रकार वार्ता में विधायक सत्यनारायण शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, राजेन्द्र तिवारी, शैलेष त्रिवेदी, सुशील शुक्ला उपस्थित थे।


