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लोकतंत्र, विशालता, विविधता और संस्कार देश की ताकत है : बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकतंत्र, विशालता, विविधता और संस्कार को देश की ताकत बताते हुए कहा है कि दुनिया ने वैश्विक महामारी के विरुद्ध भारत के प्रयासों की सराहना की है

लोकतंत्र, विशालता, विविधता और संस्कार देश की ताकत है : बिरला
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प्रयागराज/नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकतंत्र, विशालता, विविधता और संस्कार को देश की ताकत बताते हुए कहा है कि दुनिया ने वैश्विक महामारी के विरुद्ध भारत के प्रयासों की सराहना की है और आज पूरी दुनिया वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भारत की ओर देख रही है। बिरला ने शनिवार को मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 19वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए आगे कहा कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित प्रयागराज सभ्यता के प्रारंभ से ही विद्या, ज्ञान और लेखन का गढ़ रहा है। प्रयागराज भारत का सबसे जीवंत बौद्धिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक रूप से जागरूक शहर है।

उन्होंने महान ऋषि भारद्वाज, ऋषि दुवार्सा और ऋषि पन्ना की ज्ञानस्थली प्रयागराज को नमन करते हुए और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की उत्कृष्ट विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संस्थान प्रौद्योगिकी और नवाचार से समाज और मानवता के कल्याण के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सूचना और प्रौद्योगिकी के इस युग में भारत के युवा देश विदेश में अपने कार्य से देश और संपूर्ण विश्व के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। भारत के युवा आज नए इनोवेशन के साथ स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं तथा समाज की चुनौतियों का समाधान खोज रहे हैं। आज पूरी दुनिया वैश्विक चुनौतियों के समाधान हेतु भारत की ओर देख रही है।

उन्होंने आगे कहा कि आज के युवा जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बन रहे हैं, जिसके कारण देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

कोविड काल में देश के योगदान का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि आपदा, संकट के समय भारत ने विश्व को नेतृत्व दिया है। वैश्विक महामारी के विरुद्ध भारत के प्रयासों की दुनिया के कई देशों ने सराहना की है।

उभरती हुई चुनौतियों का जिक्र करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, सुरक्षा, खेती, मजदूरी, जैसे विस्तृत क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान आज के युवाओं को खोजने होंगे और इसके लिए युवाओं के बीच विजन होना चाहिए।

उन्होंने लोकतंत्र, विशालता, विविधता और संस्कार को देश की ताकत बताते हुए कहा कि अध्यात्म और संस्कृति के आधार पर विश्व को साथ लेकर चलना भारत की विशेषता है।


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