बोस की गुप्त फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग
ऑल इंडिया लीगल एड फोरम ने केन्द्र सरकार से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने और आजाद हिंद फौज (आईएनए) से संबंधित सच को जल्द से जल्द सार्वजनिक करने की मांग की है

नई दिल्ली। ऑल इंडिया लीगल एड फोरम ने केन्द्र सरकार से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक (डीक्लासीफाई) करने और आजाद हिंद फौज (आईएनए) से संबंधित सच को जल्द से जल्द सार्वजनिक करने की मांग की है।
फोरम ने आईएनए के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह के शनिवार को यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में समापन की घोषणा की। इस मौके पर फोरम ने अपनी कुल आठ मांगें रखीं। ऑल इंडिया लीगल एड फोरम इस क्षेत्र में काम करता रहा है और सुभाष चंद्र बोस के कथित तौर पर लापता होने से संबंधित जानकारी चाहता है।
फोरम का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र की भाजपा सरकार को चाहिए कि वह रूस की सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग करे कि बोस के निधन से संबंधित केजीबी की फाइल का खुलासा करे। यह मौत रूस के ओम्स शहर में स्थित साइबेरिया जेल में हुई थी।
फोरम के महासचिव जयदीप मुखर्जी ने कहा, “हमारे लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 1947 में आजादी के बाद कुछ राजनीतिक साजिश के चलते भारत की आजादी के संघर्ष में आजाद हिंद फौज के योगदान को लोगों की नजरों में बेहद तकनीकी ढंग से दबा दिया गया। और सच तो यह है कि आजाद हिंद फौज के कम से कम 25,000 सैनिकों ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में अपनी जान दी।”
फोरम की कुछ अन्य मांगें इस प्रकार हैं - स्वतंत्रता संघर्ष में ‘आजाद हिंद फौज’ और सुभाष चंद्र बोस के योगदान को स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल कर प्रकाशित कराया जाना चाहिए। नेताजी के जन्मदिन 23 जनवरी को देश भर में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए।


