Top
Begin typing your search above and press return to search.

प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में अस्पताल प्रशासन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग

आरएएस अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद अब बिश्नोई समाज के लोग धरने पर बैठ चुके हैं

प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में अस्पताल प्रशासन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग
X

जोधपुर। आरएएस अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद अब बिश्नोई समाज के लोग धरने पर बैठ चुके हैं। बिश्नोई समाज की मांग है कि इलाज में लापरवाही करने वाले अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर बिश्नोई समाज के लोग जोधपुर एम्स के बाहर धरने पर बैठे हैं।

पेट में दर्द की समस्या होने के बाद प्रियंका बिश्नोई को इलाज के लिए जोधपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह कोमा में चली गईं। परिजनों का दावा है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज में लापरवाही बरती, जिसकी वजह से वह कोमा में चली गईं।

कोमा में जाने के बाद, प्रियंका बिश्नोई के परिजन उन्हें बेहतर इलाज के लिए अहमदाबाद ले गए। अहमदाबाद में छह दिन तक इलाज चलने के बाद उनका निधन हो गया। प्रियंका बिश्नोई के निधन के बाद बिश्नोई समाज और प्रशासनिक अधिकारियों में शोक की लहर दौड़ गई।

जानकारी के अनुसार, 5 सितंबर को डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया था। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। 7 सितंबर को परिवार वाले उन्हें बेहतर इलाज के लिए अहमदाबाद स्थित सिम्स हॉस्पिटल ले गए, जहां 18 सितंबर की रात उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके परिजनों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था। गुरुवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे प्रियंका का शव पोस्टमॉर्टम के लिए जोधपुर एम्स लाया गया।

समाजसेवी रामनिवास ने कहा कि हमारी मांग है कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। बिश्नोई समाज की ओर से चेतावनी दी गई है कि एफआईआर दर्ज होने तक शव नहीं उठाया जाएगा।

वसुंधरा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. संजय मकवाना ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि पिछले चार महीने से प्रियंका यहां इलाज करवा रही थी। उनके गर्भाशय में गांठ के ऑपरेशन के लिए भी 5 तारीख को एडमिट हुई थी, ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा। पेशेंट की स्थिति सही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद पेशेंट रेस्ट लेस हो गई। इसके बाद जब उनका सीटी स्कैन कराया गया तो न्यूरो संबंधी एक बीमारी होने की जानकारी मिली, जो एक रेयर किस्म की बीमारी है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it