धर्मों के पर्सनल कानून में सुधार लाने की सरकार से मांग: फेडरेशन
देश के सबसे बड़े एवं पुराने महिला संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वीमेन ने तीन तलाक के मामले में उच्चतम न्यायलय के फैसले को देखते सभी धर्मों के पर्सनल कानून में सुधार लाने की सरकार से मांग की है
नयी दिल्ली। देश के सबसे बड़े एवं पुराने महिला संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वीमेन ने तीन तलाक के मामले में उच्चतम न्यायलय के फैसले को देखते सभी धर्मों के पर्सनल कानून में सुधार लाने की सरकार से मांग की है।
फेडरेशन की महासचिव अन्नी राजा ने आज यहाँ जारी बयान में कहा कि सभी धर्मो के पर्सनल कानूनों ने स्त्रियों के साथ भेदभाव किया है इसलिए उसमें सुधार होना चाहिए और इस पर सभी संबद्व पक्षों से और सभी महिला संगठनों से विचार विमर्श किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि औरतों के अधिकारों के मामले में किसी एक धर्म या समुदाय को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए ,बल्कि सभी धर्मों और समुदायों की स्त्रियों को उनके अधिकार तथा न्याय मिलना चाहिए। इसके लिए औरतों के सभी तरह के अधिकारों को कानूनी जामा पहनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायलय ने मुस्लिम महिलाओं के तलाक के अधिकार के बारे में कुछ नहीं बोला जिससे निराशा हुई है क्योंकि मुस्लिम महिलाओं के लिए तलाक लेना इतना सरल नहीं है जितना मुस्लिम पुरुषों के लिए सही है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर धर्म की स्त्रियों के उनके अधिकार सुनिश्चित रहें और उन्हें न्याय मिले।


