बोइरडीह डेम को पिकनिक स्पाट के रुप में शुरु करने की मांग उठी
पहाड़ियों एवं जंगलों से घिरे इस बांध के निर्माण के बाद वर्ष 2011 में सर्वाधिक वर्षा होने से यह बांध लबालब गया था

दल्लीराजहरा। बीएसपी के दल्लीराजहरा खदान अंतर्गत आने वाले दल्ली खदान समूह में लगे हुए वाशिंग यूनिट को लगातार जल प्रदान करने वाले तथा बीएसपी के टाउनशीप में पेय जल की आपूर्ति करने वाले बोइरडीह डेम को पिकनिक स्पॉट के रूप में शुरू करने की मांग अब पुन: उठने लगी है.
नगर से महामाया माइंस जाने वाले मुख्य मार्ग पर 11 किलामीटर की दूरी पर बना बोइरडीह डेम में एक दशक पूर्व नगर व आसपास के क्षेत्र सहित दुर्ग, लाई, रायपुर, राजनांदगांव, बालोद, धमतरी तक के लोग पिकनिक मनाने आया करते थे. ज्ञात हो कि दल्ली प्लांट के वाशिंग यूनिट में जल प्रदाय करने व टाउनशीप के क्वाटरों में पेय जल प्रदान करने उद्देश्य से बोइरडीह बांध का निर्माण सन 1971-72 में हुआ था.
चारों तरफ पहाड़ियों एवं जंगलों से घिरे इस बांध के निर्माण के बाद वर्ष 2011 में सर्वाधिक वर्षा होने से यह बांध लबालब गया था. तब तत्कालीन बीएसपी के उच्च अधिकारियों ने इस डेम के निर्माण को सार्थक पहल घोषित करते हुए इस क्षेत्र में पर्यटन की तलाश की थी.
धीरे-धीरे इन अधिकारियों व इसके बाद आने वाले अधिकारियों की व्यक्तिगत रूचि के आधार पर डेम के निचले हिस्से में तरह-तरह के फूल लगाकर इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में परिवर्तित कर दिया गया. इसके बाद नवंबर, दिसंबर व जनवरी माह में इस सुंदर पिकनिक स्पॉट में स्कूल, कॉलेज, संस्थाएं व कई परिवार के सदस्य एक साथ आकर मिलन समारोह व पिकनिक कार्यक्रम का आयोजन किया करते थे.
403.600 आर डब्ल्यू एल वाटर लेबल क्षेत्र वाले इस डेम के बीचों-बीच कई टापू मुख्य आकर्षण का केंद्र हुआ करता था. बीएसपी द्वारा चारों तरफ से घिरे इस पहाड़ी को 35 मीटर ऊंची व 200 मीटर लंबी मेड़ बांधकर निर्माण किया गया था. जिसकी जल क्षमता 35 मीटर है. इस क्षेत्र में लकड़बग्घा, तेंदुआ, सियार, हिरण, बारहसिंघा जैसे कई वन्य प्राणी विचरण करते हुए इस डेम के किनारे आकर अपनी प्यास बुझाते हैं. सन 2001 में बीएसपी के जूनियर मैनेजर का मृत शरीर इस डेम में पानी के अंदर पाए जाने के बाद इस डेम को बीएसपी प्रबंधन ने पिकनिक स्पॉट के रूप में उपयोग करने के लिए बंद कर दिया गया.
बीएसपी द्वारा इस क्षेत्र में अनावश्यक लोगों की आवाजाही रोकने के लिए चैनलिंक फैंसिंग तक लगाकर इस क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित का बोर्ड लगा दिया गया. तब से अब तक इस क्षेत्र में लोग पिकनिक मनाने जाने से वंचित हो गए. इसके बाद सन 2008 में इसके आसपास महामाया जाने वाली मुख्य मार्ग पर नक्सलियों द्वारा सीआईएसएफ के जीप उड़ाकर तीन जवानों को मृत करने की घटना के बाद अब इस क्षेत्र में लोग आने से घबराने लगे हैं।


