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डीयू में तदर्थ शिक्षकों के लिए 2019 का पैनल बहाल रखने की मांग

दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थ शिक्षक हेतु जिन आवेदकों के नाम 2019 से विभिन्न विभागों के पैनल में है,

डीयू में तदर्थ शिक्षकों के लिए 2019 का पैनल बहाल रखने की मांग
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नई दिल्ली | दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थ शिक्षक हेतु जिन आवेदकों के नाम 2019 से विभिन्न विभागों के पैनल में है, उन्हें वर्तमान महामारी और सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से विभाग के पैनल में पंजीकरण कराने से छूट देने की मांग की गई है। इन उम्मीदवारों को वर्ष 2020 के पैनल में शामिल करने की भी मांग सामने आई है। तदर्थ शिक्षकों के पैनल में नामांकन कराने वाले उम्मीदवारों की वर्तमान संख्या दिल्ली विश्वविद्यालय में लगभग 25 से 30 हजार के करीब है।

इसमें से ज्यादातर आवेदक नियमित रूप से कई सालों से पंजीकरण कराते रहे हैं। अब एनडीटीएफ के निर्वाचित सदस्यों ने सुझाव दिया है कि इस साल केवल उन्हीं आवेदकों से पैनल में ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाने चाहिए जो या तो कोई नई जानकारी अपने बायोडाटा में शामिल कराना चाहते हैं या फिर तदर्थ पैनल में पहली बार अपना नाम शामिल कराना चाहते हैं ।

वैश्विक महामारी में दिल्ली विश्वविद्यालय की शिक्षकों के सामने आ रही परेशानियों को देखते हुए नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के चुने हुए सदस्यों ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर ऐसी विशिष्ट परिस्थितियों में विशेष कदम उठाए जाने की अपील की है। विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के सदस्य डॉ वीएस नेगी और एनडीटीएफ के कई अन्य सदस्यों ने कुलपति से यह मांग की है।

विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ एके भागी ने कहा, "यदि विश्वविद्यालय सुझावों पर अपनी सहमति देता है तो लॉकडाउन के समय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होगा और साथ ही उम्मीदवार विश्वविद्यालय के विभागों, विभाग अध्यक्ष एवं कर्मचारियों के लिए भी यह काफी सहायक सिद्ध होगा।"

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने ग्रीष्मावकाश में विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन एदाखिले और अन्य कार्यों के लिए भी उनके किए गए कार्यो के भुगतान की मांग कुलपति से की है। इनका कहना है कि ग्रीष्मावकाश में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन दाखिले व अन्य कार्यों को ध्यान में रखते हुए तदर्थ शिक्षकों की सेवाओं को नियमित रूप से जारी रखा जाए।

विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के सदस्य डॉ वीएस नेगी ने कहा, "प्रमोशन के फार्म तुरंत जारी किए जाएं । यूजीसी रेगुलेशन प्रमोशन की केंद्रीकृत व्यवस्था की बजाय विकेंद्रीकृत व्यवस्था अपनाई जानी चाहिए । प्रमोशन के समय शिक्षक का एडहॉक पर किए गए अनुभव कार्य अवधि भी शामिल किया जाए।"

एनडीटीएफ ने इस महामारी के समय में सभी विभागों, नॉन कॉलेजिएट एवं स्कूल ऑफ ओपन लनिर्ंग आदि में कार्यरत तदर्थ व अतिथि शिक्षकों के वेतन को भी शीघ्र जारी करने की अपील की है ।

उन्होंने विश्वविद्यालय परीक्षा कार्यों से जुड़े शिक्षकों के बिलों का भुगतान भी करने की अपील की है साथ ही शोधार्थियों की सभी तरह की छात्रवृत्तियां भी इस संकट के समय बिना किसी देरी से जारी करने की मांग भी उन्होंने कुलपति के समक्ष दोहराई है।


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