राज्यसभा में गेहूं की खरीद के समुचित इंतजाम किये जाने की मांग की
देश में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार को देखते हुए सरकार से इसकी खरीद के समुचित इंतजाम किये जाने की राज्यसभा में आज मांग की गयी
नयी दिल्ली। देश में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार को देखते हुए सरकार से इसकी खरीद के समुचित इंतजाम किये जाने की राज्यसभा में आज मांग की गयी। जनता दल यू के शरद यादव ने शून्यकाल के दौरान सदन में यह मुद्दा उठाया जिस पर कई सांसदों ने उनका समर्थन किया और गेहूं के आयात को शुल्क मुक्त किये जाने का सवाल उठाते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक झाेक हुई।
यादव ने कहा कि इस बार अच्छे मौसम के चलते गेहूं की बंपर पैदावार हुई है । सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1625 रूपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है लेकिन खरीद का समुचित इंतजाम नहीं होने के कारण बाजार में किसान को 1550 रुपये के दाम पर गेहूं बेचना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाया गया तो किसान को हताशा में बाजार में ओने पौने दाम पर गेहूं बेचना पडेगा। सदस्य ने कहा कि सरकार को विदेशों से बिना शुल्क के गेहूं के आयात पर रोक लगानी चाहिए और अपने देश के किसानों को उचित मूल्य देकर उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
दालों की बंपर फसल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के कोशी में किसानों को अरहर की दाल 3400 रुपये प्रति क्विंटल बेचनी पड़ रही है जबकि इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 4625 रुपये प्रति क्विंटल है।
सदन के अनेक सदस्यों ने उनका समर्थन किया और सरकार पर गेहूं पर आयात शुल्क हटाने के लिए तीखा हमला बोला। माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार ने किसानों को उनकी फसल के डेढ गुना अधिक दाम देने का वादा किया था लेकिन किसानों काे आत्महत्या करनी पड़ रही है। सपा के नीरज शेखर, कांग्रेस , माकपा और अन्य दलों के सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की।


