आप की सरकारी खजाने की लूट को रोकने के लिये सख्त कानून बनाने की मांग
आप की पंजाब इकाई ने सत्ता और रूतबे का दुरूपयोग रोकने के लिये‘हितों का टकराव रोकने वाले कानून‘बनाने की जरूरत पर बल दिया

चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने सत्ता और रूतबे का दुरूपयोग रोकने के लिये‘हितों का टकराव रोकने वाले कानून‘बनाने की जरूरत पर बल देते हुये कहा है कि इससे सरकारी खजाने की लूट को रोका जा सकेगा ।
पार्टी के सह प्रधान विधायक अमन अरोड़ा ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि उन्होंने ‘हितों के टकराव‘के मुद्दे पर सख्त कानून बनाने की मांग को लेकर आज विधानसभा अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह को प्राईवेट मैंबर बिल ‘द पंजाब अनसीटिंग ऑफ मैंबर्ज ऑफ पंजाब लेजिस्लेटिव असंबली फाऊंड गिलटी ऑफ कन्फलिक्ट ऑफ इंट्रस्ट बिल 2018’ सौंपते हुए आगामी बजट सत्र दौरान इसे सदन में पेश करने की अनुमति मांगी है।
अरोड़ा ने कहा‘हितों के टकराव‘ संबंधी इस बिल के दायरे में मुख्यमंत्री, मंत्री और सभी विधायक आयेंगे ।यदि इनमें से कोई भी सत्ता और अपने रुतबे का दुरुपयोग करते हुए सरकारी खजाने की कीमत पर अपना निजी लाभ लेता है तो छह माह के भीतर उस विधायक को उसके पद से बर्खास्त कर दिया जाए। इस कानून‘का उद्देश्य सत्ता और पद के दुरुपयोग को रोकना होगा ।
इस लिए जो भी जनप्रतिनिध अपने निजी हितों, वित्तीय और व्यापारिक लेन-देन में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से राज्य और जनता के हितों को दांव पर लगाने का आरोपी पाया जाता हैं तो उसकी बतौर विधायक सदस्यता रद्द कर दी जाए।
उन्होंने सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में उचित व ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही ।इस कानून से सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ता। यह कानून राजनैतिक लोगों द्वारा पदों का दुरुपयोग करके सरकारी खजाने की होने वाली लूट को रोकेगा। सत्ता और शक्तियों को निजी हितों के लिए दुरुपयोग कर सत्तारुढ़ राजनीतिक दलों ने राज्य को ढाई लाख करोड़ रुपए का ऋणी बनाकर कंगाल कर दिया है।
अरोड़ा ने ‘हितों के टकराव रोकू कानून‘को वक्त की जरूरत बताते हुये कहा कि इस कानून के आने से सत्ता शक्ति और पद के दुरुपयोग पर नकेल कसी जा सकती है। यदि यह कानून अस्तित्व में आ जाता है तो रेत-बजरी, शराब, ट्रांसपोर्ट, केबल टीवी, बिजली, सिंचाई, निर्माण कार्यों, भू-माफीया आदि पर लम्बे समय से सक्रिय माफिया का हमेशा के लिए अंत हो जाएगा। भ्रष्टाचार रुकेगा तथा लोकतंत्र मजबूत होगा।


