लोकसभा में उठा भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना की मांग
लोकसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान भारतीय प्रशासनिक और भारतीय पुलिस सेवा की तरह भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना करने की माँग उठी

नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान भारतीय प्रशासनिक और भारतीय पुलिस सेवा की तरह भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना करने की माँग उठी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जगदंबिका पाल ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि विधि आयोग ने कई बार अपनी सिफ़ारिशों में न्यायिक व्यवस्था की बेहतरी के लिए अखिल भारतीय स्तर पर भारतीय न्यायिक सेवा की ज़रूरत पर बल दिया है। उच्चतम न्यायालय ने भी इस पर अपनी राय दी है।
उन्होंने कहा कि सदन में भी विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भारतीय न्यायिक सेवा पर विचार करने का आश्वासन दिया है। ऐसे में जल्द इस सेवा की शुरुआत होनी चाहिए, ताकि न्यायिक प्रशासन बेहतर हो सके।
वहीं शून्यकाल में बहुजन समाज पार्टी के रितेश पांडे ने कहा कि देश में सिर्फ़ तीन फ़ीसदी सरकारी नौकरी है, इसके बावजूद सरकारी विभागों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर बाहर की निजी एजेंसियों के माध्यम से ठेके पर भर्तियाँ की जा रही है जिसमें आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस गंभीर समस्या को नज़रंदाज़ कर रही है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के ज़रूरतमंद लोगों को चतुर्थ श्रेणी के सरकारी पदों पर स्थायी नौकरी दी जानी चाहिए ।


