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मप्र के कई जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग

मध्यप्रदेश के लगभग 70 फीसदी हिस्सों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है, जिसके चलते 51 में से 40 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है

मप्र के कई जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग
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भोपाल। मध्यप्रदेश के लगभग 70 फीसदी हिस्सों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है, जिसके चलते 51 में से 40 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

मौसम विभाग के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि राज्य के 17 जिलों में सामान्य और 34 जिलों में कम वर्षा हुई है। वहीं आने वाले दिनों में भी हालात सुधरने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे विंध्य सहित प्रदेश के 40 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों के कर्ज और बिजली के बिल तत्काल माफ करें।

कांग्रेस नेता सिंह ने कहा कि इन जिलों में व्याप्त सूखे के कारण किसान परेशान हैं और संकट का सामना कर रहे हैं। भावुक होकर किसान कोई अप्रिय कदम न उठाएं, इसलिए सरकार तत्काल उन्हें राहत देने का ऐलान करे।

सिंह ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि यूपीए सरकार के समय इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर राज्य सरकार तत्काल केंद्र से किसानों को राहत देने के लिए राशि की मांग करती थी, लेकिन राज्य में सूखे के हालात बने एक माह गुजर जाने के बाद भी राज्य सरकार ने मौन धारण कर रखा है।

इस संकटपूर्ण स्थिति में विपक्ष मुख्यमंत्री के साथ है, लिहाजा वे केंद्र सरकार से राहत लेने की हिम्मत जुटाएं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "मुख्यमंत्री ने किसानों के कर्ज को लेकर जो समाधान योजना बनाई थी, वह आज भी फाइलों में कैद है। कई जगह पर प्याज खरीदी का भुगतान भी किसानों को नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री ने भावांतर योजना का उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन हड़ताल के कारण किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में यह आपदा किसानों पर कहर बन गई है।"

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर किसान हितैषी हैं तो ऐसी स्थिति में सबसे पहले वे किसानों का कर्ज माफ करते हुए प्रदेश के 40 जिलों को तत्काल सूखाग्रस्त घोषित करें।


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