Top
Begin typing your search above and press return to search.

प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई स्थगित करने की मांग

हाई स्कूल परीक्षा परिणाम जारी होने के पश्चात् सरगुजा जिले के प्राचार्यो के वेतन रोकने सहित की जा रही ..

प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई स्थगित करने की मांग
X

अम्बिकापुर। हाई स्कूल परीक्षा परिणाम जारी होने के पश्चात् सरगुजा जिले के प्राचार्यो के वेतन रोकने सहित की जा रही एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रतिउत्तर में भाजपा नगर मंडल अम्बिकापुर अध्यक्ष विद्यानंद मिश्रा एवं महामंत्री कैलाश मिश्रा के द्वारा कमिश्नर सरगुजा एवं कलेक्टर सरगुजा के समक्ष पुर्नविचार कर संवेदनशील निर्णय लेते हुये कार्यवाही स्थगित करने हेतु ज्ञापन सौंपा गया।

इस संबध में भाजपा नगर मंडल अम्बिकापुर के महामंत्री कैलाश मिश्रा ने बताया कि विगत वर्ष सरगुजा जिले में हाई स्कूल परीक्षा में 51.83 फीसदी छात्रों ने 10वी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इस बार 04 फीसदी बढ़ोत्तरी के साथ 55.8 फीसदी छात्रो ने हाई स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण किया हैं। यह सत्य है कि सरगुजा से एक भी विद्यार्थी टॉप 10 में नही आ सका हैं परंतु वैसे भी पूरे राज्य में परीक्षा का परीणाम 61.04 प्रतिशत ही रहा हैं। अच्छे रिजल्ट के नहीं आने के कुछ कारणो में पूरे प्रदेश में नये पाठ्यक्रम का लागू किया जाना भी एक मूल कारण हैं।

प्रदेश के जिन 52 स्कूलों में 10वी का नया पाठ्यक्रम लागू किया गया था। वहॉ का परीक्षा परिणाम पहले साल एवं पिछले साल की तुलना में निराशाजनक रहा हैं। अधिकांश स्कूलो में पुराने पाठ्यक्रम की तुलना में परिणाम कमजोर रहा है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा तैयार 9वी एवं 10वी का नया पाठ्यक्रम प्रयोग के बाद इस सत्र से सभी स्कूलो मे लागू हो गया हैं। पहले 9वी और फिर विगत शिक्षा सत्र में 10वी मे नये पाठ्यक्रम को प्रयोग के तौर पर लागू किया गया। प्रयोग के लिये प्रदेश के 52 स्कूलों का चयन किया गया।

रायपुर मे 15 और सरगुजा मे 13 स्कूल के अलावा कांकेर और राजनांदगॉव के कुछ स्कूलों में नये पाठ्यक्रम का प्रयोग किया गया। 52 स्कूलो के विद्यार्थियों के लिये अलग से प्रश्न पत्र तैयार किया गया था। राज्य निर्माण के बाद पहली बार परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत से अधिक पहुॅचा लेकिन नये पाठ्यक्रम वाले स्कूलो का परिणाम कमजोर रहा। कुछ ही स्कूलो को छोड़ दे तो अधिकांश स्कूल का परिणाम पुराने पाठ्यक्रम वाले से भी कम प्रतिशत आया हैं। सरगुजा जिले के 13 स्कूलो में भी नये पाठ्यक्रम लागू होने के बाद अक्टूबर तक असमंजस की स्थिति यह थी कि परीक्षा नये पाठ्यक्रम से होगी या पुराने से। दिसंबर माह तक तो नये पाठ्यक्रम की पूरी पुस्तके भी उपलब्ध नही हो पाई थी।

ऐसे मे परीक्षा परिणाम में गिरावट आनी निश्चित ही था। सरगुजा कलेक्टर के द्वारा बोर्ड का रिजल्ट सुधारने 25 सदस्यीय डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स गु्रप का गठन कर बेहतर रिजल्ट देने की तैयारी का निश्चित रुप से इस सत्र में लाभ मिलेगा फिर जब भी नया पाठ्यक्रम लागू होता है, तो शुरु के एक-दो साल उसे स्वीकार करने और समझने में विद्यार्थियो को थोड़ी दिक्कत होती है। इसके कारण परीक्षा परीणाम भी प्रभावित होता हैं।

धीरे-धीरे इसमें सुधार भी आता हैं। सरगुजा में विषयवार शिक्षकों की कमी, जाति प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र एवं अन्य सारी गतिविधियो की जिम्मेदारी भी प्राचार्य एवं शिक्षकों की होती हैं। ऐसे में यदि प्राचार्यो का वेतन बार-बार रोक दिया जाए सजा के तौर पर वेतनबृद्वि रोक दी जाए, निलंबित कर दिया जाएगा तो निश्चित रुप से उनके उत्साह एवं मनोबल पर असर होगा।

वर्ष 2015 में सरगुजा जिले से लगभग 400 उच्च श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति व्याख्याता पद पर की गई है, परंतु 02 वर्ष बीत जाने के बाद भी इनकी पदस्थापना विद्यालयों में नहीं किये जाने के कारण भी विद्यालयों में विषय शिक्षकों का अभाव भी परिणाम पर विपरीत असर किया हैं। रायपुर जिले में ऐसे परिणाम आने के बाद किसी भी प्राचार्य के ऊपर बार-बार वेतन रोकने, निलंबन या वेतनवृद्धि रोकने की कार्यवाही नही की गई है फिर सरगुजा के प्राचार्यो के उपर ही सारी कार्यवाही किया जाना उचित प्रतीत नही होता हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it