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सिम्स में हुआ प्रसव, डिस्चार्ज कार्ड में बता दिया बाहर

  सिम्स में भर्ती महिला की 22 सितंबर को डिलिवरी हुई

सिम्स में हुआ प्रसव, डिस्चार्ज कार्ड में बता दिया बाहर
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बिलासपुर। सिम्स में भर्ती महिला की 22 सितंबर को डिलिवरी हुई। आज महिला को छुट्टी दे दी गई। जब परिजन जननी सुरक्षा पंजीयन काउंटर पहुंचे तो डिस्चार्ज कार्ड में उसकी डिलिवरी सिम्स के बाहर होना बताया गया। ऐसे में जननी सुरक्षा योजना का लाभ उसे नहीं मिल पा रहा है।

मुंगेली निवासी रानू बाई पति रामप्रसाद चौहान 27 वर्ष को प्रसव पीड़ा होने पर शुक्रवार को 12 बजे सिम्स लाया गया जहां गायनिक वार्ड में महिला ने शाम 4 बजे एक बच्चे को जन्म दिया। आज जब महिला को छु्ट्टी दी गई तो उसके डिस्चार्ज कार्ड में सिम्स में डिलिवरी होने का उल्लेख ही नहीं है। रानू बाई के पति प्रसाद चौहान ने बताया कि शुक्रवार की सुबह उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर उसे मुंगेली के अस्पताल में ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने सिम्स रिफर कर दिया।

शुक्रवर की दोपहर 12 बजे सिम्स लाया गया जहां गायनिक वार्ड में भर्ती कर उसका उपचार किया गया। वहीं शाम 4 बजे उसने नवजात बच्चे को जन्म दिया। जिसे आज सुबह डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज के बाद परिजन जब सिम्स के जननी सुरक्षा योजना पंजीयन काउंटर गये जहां डिस्चार्ज कापी देने पर पता चला कि महिला की डिलिवरी सिम्स में नहीं हुई है। रानू बाई के डिस्चार्ज कापी में सिम्स के बाहर बच्चे का जन्म होना दर्ज किया गया है। जिससे परिजन व पंजीयन काउंटर के बीच बहस होती रही।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिम्स के डॉक्टर व कर्मचारी अपने काम के प्रति कितने सजग हैं। जिस वार्ड में महिला की डिलिवरी हो रही है वहीं के स्टाफ डिस्चार्ज में डिलिवरी बाहर होने का डिस्चार्ज पर्ची में लिख रहे जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं शासन द्वारा संचालित जननी सुरक्षा योजना के लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। शासन द्वारा महिलाओं के लिए संचालित कई योजनाओं का लाभ उनको नहीं मिल पा रहा है।

शासकीय अस्पतालों में आये दिन दर्जनों महिलाएं स्वास्थ्य सुविधा व योजनाओं के लाभ पाने के लिए चक्कर काटती रहती हैं। वहीं शासन द्वारा जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को डिलिवरी के बाद भत्ता प्रोत्साहन राशि दी जाती है। नियमानुसार डिस्चार्ज के बाद तुरंत यह राशि महिलाओं को मिलने का है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लेटलतीफी व उदासीनता के चलते महिलाएं मितानिनों के ईद-गिर्द प्रोत्साहन राशि पाने के लिए चक्कर काटती रहती है।


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