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यमुना पुनरुद्धार को नई गति, अमित शाह आज 4,000 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली के ओखला में एशिया के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन करेंगे

यमुना पुनरुद्धार को नई गति, अमित शाह आज 4,000 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे
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अमित शाह और रेखा गुप्ता ने मिलकर शुरू की यमुना पुनरुद्धार की ऐतिहासिक पहल

  • दिल्ली में एशिया का सबसे बड़ा एसटीपी शुरू, यमुना सफाई को मिलेगा बड़ा लाभ
  • ओखला में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शुभारंभ, 40 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
  • यमुना कार्य योजना-3 के तहत स्वच्छता मिशन को बड़ा विस्तार

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को दिल्ली के ओखला में एशिया के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन करेंगे। यह यमुना नदी के पुनरुद्धार के प्रयासों में एक मील का पत्थर साबित होगा।

अमित शाह विकासपुरी के केशवपुर में होने वाले समारोह में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तहत कुल 4,000 करोड़ रुपए की लागत वाली 46 अन्य सीवेज और स्वच्छता संबंधी परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता करेंगी। स्थानीय निवासियों, नेताओं और अधिकारियों सहित 6,000 से अधिक लोगों को इस अवसर पर आमंत्रित किया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, ओखला एसटीपी एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा संयंत्र है, जिसकी उपचार क्षमता 124 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) है। 1,161 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह संयंत्र 40 एकड़ में फैला है। यह उसी स्थान पर पहले से बनी चार पुरानी सीवेज उपचार इकाइयों का स्थान लेगा।

यह नई सुविधा न केवल सीवेज उपचार के लिए, बल्कि अपशिष्ट से बिजली उत्पादन और ए-श्रेणी का कीचड़ उत्पन्न करने के लिए भी डिजाइन की गई है, जो कृषि और भूनिर्माण में पुन: उपयोग के लिए सुरक्षित है।

केंद्र सरकार के सहयोग से इस परियोजना का नेतृत्व करने वाले दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने कहा कि दक्षिण, मध्य और पुरानी दिल्ली के लगभग 40 लाख निवासियों को इस संयंत्र से सीधे लाभ होगा। इससे यमुना में प्रवाहित होने वाले अनुपचारित सीवेज की मात्रा में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है, जो यमुना कार्य योजना-तीन के तहत एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।

इस संयंत्र का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था, लेकिन कोविड-19 महामारी और सरकार द्वारा लगाए गए निर्माण प्रतिबंधों सहित अप्रत्याशित चुनौतियों के कारण इसके काम में देरी हुई। इसे मूल रूप से 2022 में पूरा होना था, लेकिन इस साल अप्रैल में इसका काम पूरा हो पाया, जिसके बाद इसका सफल परीक्षण किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के लिए 85 प्रतिशत धनराशि केंद्र ने दी, जबकि शेष राशि दिल्ली सरकार ने प्रदान की। इन परियोजनाओं का उद्घाटन ऐसे समय में हुआ है जब यमुना की सफाई के प्रयासों पर नए सिरे से ध्यान दिया जा रहा है।


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