आप कुछ भी करें, टीएमसी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा और अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी को माफी मांगनी होगी : अभिषेक बनर्जी
पश्चिम बंगाल में हो रहे एसआईआर को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि आप कुछ भी करें, टीएमसी का वोट प्रतिशत और सीटों की संख्या 2021 की तुलना में बढ़ेगा

आप कुछ भी कर लें, तृणमूल कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ेगा- अभिषेक बनर्जी
- अभिषेक बनर्जी की बीजेपी को बड़ी चेतावनी
- 'आप कुछ भी करें, टीएमसी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा'
- 'बीजेपी को 10 करोड़ बंगालियों से माफी मांगनी होगी'
नई दिल्ली/ कोलकाता : साल 2025 खत्म होने में अब दो हफ्ते से भी कम का समय बचा है लेकिन जैसे -जैसे साल 2026 करीब आ रहा है वैसे-वैसे सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। खासकर पश्चिम बंगाल में, क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं...जिसे लेकर सियासी बयानबाज़ी शुरू हो चुकी है...सियासी दल एक दूसरे पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं। इस बीच टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी को बड़ी चेतावनी दे दी है।
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसे लेकर राज्य का सियासी पारा हाई है। साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चूका है...इसी कड़ी में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी को एक बड़ी चुनौती दते हुए कहा कि आप कुछ भी करें, टीएमसी का वोट प्रतिशत और सीटों की संख्या 2021 की तुलना में बढ़ेगा. अगर ऐसा होता है, तो बीजेपी को 10 करोड़ बंगालियों से माफी मांगनी होगी और बंगाल से रोके गए 2 करोड़ रुपये 7 दिनों के अंदर जारी करने होंगे
अभिषेक बनर्जी यहीं नहीं रुके,बीते दिन SIR की ड्राफ्ट लिस्ट को लेकर उन्होंने बीजेपी और चुनाव आयोग पर तंज़ कस्ते हुए कहा कि मसौदा सूची जारी कर दी गई है, यह अंतिम सूची नहीं है। आपत्ति और आपत्ति दर्ज करने की अवधि 31 जनवरी तक है। अंतिम सूची जारी होने के बाद ही मैं इस पर कुछ कहूंगा... राज्य में एसआईआर को जिस तरह से लागू किया जा रहा है, उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। बीएलओ की नियुक्ति टीएमसी या पश्चिम बंगाल सरकार ने नहीं की थी उनकी नियुक्ति चुनाव आयोग ने की थी। उन्होंने अपनी जान जाने के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें, एसआईआर प्रक्रिया को लेकर बीजेपी को दी गई अपनी पिछली चुनौती को याद करते हुए बनर्जी ने आगे कहा कि मैंने कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से आपको चुनौती दी थी कि चाहे आप एसआईआर करें या एफआईआर, टीएमसी की सीटें और वोट प्रतिशत बढ़ेगा। डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी मेरी चुनौती स्वीकार नहीं की गई है। अब कौन डरा हुआ है? चुनौती देने वाला या चुनौती का सामना करने वाला? मैं उन्हें चुनौती दे रहा हूं, और वे डरे हुए हैं।
बता दें, बंगाल में एसआईआर को लेकर अभिषेक बनर्जी पहले भी चुनाव आयोग और बीजेपी पर बड़ा हमला बोल चुके हैं। एसआईआर की घोषणा के बाद उन्होंने बीजेपी को बड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर एक भी पात्र मतदाता का नाम हटाया गया तो बंगाल के एक लाख लोग दिल्ली में निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर धरना देंगे। यह कवायद वास्तविक मतदाताओं को बाहर करने और 2026 के राज्य चुनावों से पहले राजनीतिक संतुलन को बिगाड़ने के लिए की गई है। एसआईआर का मतलब साइलेंट इनविजिबल रिगिंग है और इसे मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए डिजाइन किया गया है।


