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यूआईडीएआई ने बच्चों में आधार अपडेट को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च कंसल्टेंसी बीआईटी के साथ की साझेदारी

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यूआईडीएआई ने रिसर्च कंसल्टेंसी बिहेवियरल इनसाइट्स लिमिटेड (बीआईटी) के साथ साझेदारी की है

यूआईडीएआई ने बच्चों में आधार अपडेट को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च कंसल्टेंसी बीआईटी के साथ की साझेदारी
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नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार, यूआईडीएआई ने रिसर्च कंसल्टेंसी बिहेवियरल इनसाइट्स लिमिटेड (बीआईटी) के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को उनके आधार कार्ड में समय पर किए जाने वाले बायोमेट्रिक अपडेट के साथ महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुंच में मदद करना है।

इस समझौता ज्ञापन पर यूआईडीएआई की डीडीजी तनुश्री देब बर्मा और बीआईटी के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि गुरुमूर्ति ने यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार और यूआईडीएआई की नेतृत्व टीम के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, समझौता ज्ञापन का उद्देश्य 5 वर्ष और 15 वर्ष के बच्चों के लिए आधार में अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) को बढ़ावा देना और समय पर अपडेट सुनिश्चित करने के लिए व्यवहारिक, तार्किक और जागरूकता संबंधी बाधाओं को दूर करना है। साथ ही, आधार से जुड़ी सेवाओं और लाभों तक निर्बाध पहुंच को सक्षम बनाना है।

मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि आधार एमबीयू अपडेट को बढ़ावा देने के लिए अनुकूलित व्यवहारिक हस्तक्षेपों को डिजाइन, टेस्ट और कार्यान्वित किया जाएगा।

इस अवसर पर यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने कहा, "जब टेक्नोलॉजी को मानवीय व्यवहार के साथ जोड़ा जाता है तो डिजिटल पहचान एक तकनीकी प्रक्रिया से बढ़कर एक अधिक सहज, विश्वसनीय और सशक्त अनुभव में बदल जाती है। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, हम इस प्रभाव को प्राप्त करने की आशा करते हैं।"

बीआईटी की सीईओ रेचल कोयल ने कहा कि मानव व्यवहार की नई साक्ष्य-आधारित समझ से आधार के अपडेट को बढ़ावा मिल सकता है और आधार संख्या धारकों को महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

आधार कार्ड धारक के रूप में एक बच्चे को 5 वर्ष की आयु और इसके बाद दोबारा 15 वर्ष की उम्र में आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट जैसे फिंगरप्रिंट और फोटो अपडेट करवाने की जरूरत होती है। यूआईडीएआई की ओर से 7-15 आयु वर्ग के लिए एमबीयू के सभी शुल्क माफ कर दिए हैं, जिससे लगभग 6 करोड़ बच्चों को लाभ होने की उम्मीद है।


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