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ठगबंधन की बारात को दूल्हा नहीं मिल रहा है : तरुण चुघ

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की अटकलों पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने जोरदार हमला बोला है

ठगबंधन की बारात को दूल्हा नहीं मिल रहा है : तरुण चुघ
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नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की अटकलों पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने महागठबंधन को 'ठगबंधन' करार देते हुए कहा कि बिहार की जनता इस गठबंधन को करारा जवाब देगी।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। जैसे-तैसे इन ठगबंधन वालों की बारात तो बन गई, लेकिन दूल्हा अभी भी खोज रहे हैं। भ्रष्ट युवराजों और युवरानियों में होड़ लगी है कि जो सबसे भ्रष्ट, नालायक और नौसिखिया होगा, वही जंगलराज को आगे बढ़ाएगा और ठगबंधन का दूल्हा बनेगा। यही ठगबंधन का क्राइटेरिया है। यह गठबंधन बिहार को लूटने के लिए बना है, लेकिन बिहार की जनता इसे सजा देगी।

चुघ ने कहा कि पीएम मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए भारत की वीरता को उजागर किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि भारत का हर कोना विकास की रोशनी से जगमगाएगा। पहली बार 'स्वदेशी दीपावली' देखने को मिली है। 6 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ, जिसमें स्वदेशी उत्पादों की बिक्री ने आर्थिक प्रगति को गति दी।

तरुण चुघ ने पीएम मोदी के 'विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत' के विजन का जिक्र करते हुए कहा कि 'लोकल फॉर वोकल' का संदेश हर घर और हर परिवार तक पहुंच रहा है।

दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर उन्होंने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पराली जलाने का मुद्दा उत्तर भारत में प्रदूषण की बड़ी वजह बना हुआ है और 'आप' सरकार ने इसके प्रबंधन के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब की 'आप' सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। अन्नदाता पराली जलाने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकार उन्हें कोई विकल्प नहीं दे पा रही। पराली को आय का साधन बनाने के लिए किसानों को शिक्षित करने में 'आप' विफल रही है। अरविंद केजरीवाल दावा करते थे कि उनके पास पराली खत्म करने का 'घोल' है, जो जमीन को उपजाऊ बनाएगा। लेकिन केजरीवाल और भगवंत मान ने वह घोल कहां फेंक दिया? पंजाब में पराली प्रबंधन के लिए कोई ठोस काम नहीं हुआ।


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