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दिल्ली-एनसीआर में गहराया स्मॉग का संकट, धुंध की वजह से विजिबिलिटी हुई शून्य

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति पहले से 'गंभीर' थी, लेकिन रविवार को यह और बिगड़ गई

दिल्ली-एनसीआर में गहराया स्मॉग का संकट, धुंध की वजह से विजिबिलिटी हुई शून्य
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एयर क्वालिटी इंडेक्स 461 पार, राजधानी गैस चेंबर में तब्दील

  • विजिबिलिटी शून्य, सड़क से आसमान तक धुंध का कहर
  • नोएडा-गाजियाबाद भी प्रदूषण की गिरफ्त में, हालात बेहद गंभीर
  • स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा, प्रदूषण संकट से जूझ रही राजधानी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति पहले से 'गंभीर' थी, लेकिन रविवार को यह और बिगड़ गई। शहर पर जहरीली धुंध की मोटी परत छा गई, जिससे हवा खतरनाक स्तर तक दूषित हो गई और कई इलाकों में देखने की क्षमता बहुत कम हो गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह सात बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 461 दर्ज किया गया। एक दिन पहले यह आंकड़ा 431 था। इससे साफ है कि राजधानी में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है।

दिल्ली के सभी 40 वायु गुणवत्ता जांच केंद्रों पर हवा को ‘गंभीर’ श्रेणी में पाया गया। कई इलाकों में सूचकांक लगभग अधिकतम स्तर तक पहुंच गया। रोहिणी सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में रहा, जहां सूचकांक 499 दर्ज हुआ। इसके बाद बवाना में 498, विवेक विहार में 495, अशोक विहार और वजीरपुर में 493, नरेला में 492 और आनंद विहार में 491 रहा।

शहर के अन्य इलाकों की स्थिति भी बेहद खराब बनी रही। आईटीओ में 485, मुंडका में 486, पंजाबी बाग में 478, नेहरू नगर में 476 और चांदनी चौक व ओखला में 470 सूचकांक दर्ज किया गया। इससे पूरे शहर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति साफ झलकती है।

यह संकट केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई शहरों में भी हवा बेहद प्रदूषित रही। नोएडा में सूचकांक 470 और गाजियाबाद में 460 दर्ज किया गया। गुरुग्राम में हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही, जहां सूचकांक 348 था। फरीदाबाद में स्थिति थोड़ी बेहतर रही, लेकिन वहां भी सूचकांक 220 दर्ज किया गया, जो चिंता का विषय है।

सुबह से ही घनी धुंध और कोहरे के कारण कई इलाकों में देखने की क्षमता लगभग शून्य हो गई। इससे सुबह के समय लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई।

कम दृश्यता के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विशेष सावधानी के नियम लागू किए गए। हालांकि उड़ान संचालन जारी रहा, अधिकारियों ने कहा कि पायलट बदलते और खराब विजिबिलिटी की स्थिति के कारण सावधानी बरतते हुए प्रोटोकॉल के तहत काम कर रहे थे।

मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि रविवार सुबह हवाई अड्डे पर दृश्यता घटकर लगभग 100 मीटर तक जा सकती है, जो बाद में दिन में बढ़कर करीब 800 मीटर हो सकती है।

मौसम की स्थिर स्थिति, घना कोहरा और लगातार प्रदूषण के कारण हवा की क्वालिटी खराब होती जा रही है, जिससे दिल्ली और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बना हुआ है।


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