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संसद में हंगामे पर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप, एक-दूसरे को घेरा

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने एसआईआर समेत कई मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। जिसकी वजह से पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया

संसद में हंगामे पर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप, एक-दूसरे को घेरा
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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने एसआईआर समेत कई मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। जिसकी वजह से पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एसआईआर और वोट चोरी को लेकर पिछला सत्र भी हंगामे की वजह से बर्बाद हो गया। लेकिन उन्होंने इस पर चर्चा नहीं करवाई।

उन्होंने कहा कि आखिर सरकार इस पर चर्चा क्यों नहीं कराती, पता नहीं क्यों डरती है।

राजीव शुक्ला ने कहा कि चुनाव में इतनी धांधली हो रही है, वोट काटे जा रहे हैं और फर्जी लोगों को जोड़ा जा रहा है। इस पर एक बार चर्चा करवानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि जब जीत गए हैं तो सबको टिप्स दे रहे हैं और अगर जीत नहीं हुई होती तो कहां से टिप्स देते।

भाजपा के सांसद बीएल शर्मा ने सदन में विपक्ष के हंगामे पर कहा कि विपक्ष की करारी हार हुई है और वह इसे पचा नहीं पा रहा है। यही हाल रहा तो उनकी हालत और भी खराब होने वाली है। भारत की जनता उम्मीदों के साथ सदन में भेजती है। इस तरह की हरकत ठीक नहीं है। आने वाले समय में अगर कोई भी सदस्य ऐसा करता है तो यह सदन के आचरण के खिलाफ है।

वहीं, भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने एसआईआर का विरोध करने पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि चोर ही शोर मचाता है। हरियाणा और दिल्ली में कौन सा एसआईआर था? बिहार में हुए एसआईआर में राजद ने सहयोग किया था। यह कोई मुद्दा नहीं है। पीएम मोदी को चुनौती देने वाला कोई नहीं है। कोरोना काल और तमाम देशों को मदद करने के बाद भी आज भारत की अर्थव्यवस्था कहां से कहां पहुंच गई है। विपक्ष के पास हंगामा छोड़कर कोई मुद्दा ही नहीं है। एसआईआर एक संवैधानिक प्रक्रिया है, इसे आप चुनौती देंगे?

उन्होंने राहुल गांधी का बिना नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि संविधान हाथ में लेकर घूमने वाले लोगों को समझना चाहिए कि संविधान जीने का सहारा है। भारत में कोई ईश्वर या अल्लाह नहीं है। सबसे शक्तिशाली संविधान है।


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