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ग्रैप-4 नियम तोड़ने वाली 612 इंडस्ट्रीज पर दिल्ली सरकार की बड़ी कार्रवाई

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 के तहत वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई जारी रखी है

ग्रैप-4 नियम तोड़ने वाली 612 इंडस्ट्रीज पर दिल्ली सरकार की बड़ी कार्रवाई
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3,052 निरीक्षणों में खुलासा: इंडस्ट्रियल, रीडेवलपमेंट और नॉन-कनफॉर्मिंग क्षेत्रों में उल्लंघन

  • मनजिंदर सिंह सिरसा का सख़्त संदेश – नियम तोड़ने पर होगी सीलिंग और कानूनी कार्रवाई
  • वाहन प्रदूषण पर शिकंजा: 16,000 से अधिक जांच, 12,000 चालान और 1,492 वाहन वापस भेजे गए
  • जवाबदेही तय करने के लिए अधिकारियों को निर्देश, विशेष टीमें करेंगी दोबारा जांच

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 के तहत वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई जारी रखी है। अलग-अलग विभाग मिलकर उन सभी स्रोतों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं जो दिल्ली की हवा को खराब कर रहे हैं।

पिछले दिनों में औद्योगिक इलाकों, रीडेवलपमेंट क्लस्टर्स और नॉन-कनफॉर्मिंग क्षेत्रों में कुल 3,052 निरीक्षण किए गए। जांच में इंडस्ट्रियल एरिया की 251, रीडेवलपमेंट जोन की 181 और नॉन-कनफॉर्मिंग इलाकों की 180 यूनिट्स नियमों का पालन करती नहीं पाई गईं। इन 612 इंडस्ट्रीज के खिलाफ बंदी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि अन्य पर कार्रवाई की जा रही है।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ग्रैप-4 लागू होने के बावजूद कुछ इंडस्ट्रीज और निर्माण साइट्स नियमों की अनदेखी कर रही हैं। हमने साफ कर दिया है कि ग्रैप-4 के दौरान दिल्ली में कहीं भी कोई निर्माण गतिविधि मिली, तो तुरंत सीलिंग और कानूनी कार्रवाई होगी। हमारी टीमें मैदान में हैं और लापरवाही पर स्थानीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

सरकार ने वाहन प्रदूषण पर भी सख्त रुख अपनाया है। बीते तीन दिनों में पूरे दिल्ली में चलाए गए विशेष अभियानों के दौरान 1 लाख से अधिक पीयूसीसी सर्टिफिकेट जारी किए गए। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग और एएनपीआर तकनीक से लैस टीमों ने मिलकर बिना वैध पीयूसीसी और ग्रैप नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर कार्रवाई की।

इन तीन दिनों में 16,000 से ज्यादा वाहनों की जांच की गई और 12,000 से अधिक चालान काटे गए। ग्रैप-4 के तहत 1,492 प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को वापस भेजा गया।

मंत्री ने निर्माण एजेंसियों और इंडस्ट्री संचालकों को सख़्त संदेश देते हुए कहा कि ग्रैप-4 के दौरान अगर कोई भी अवैध या अनधिकृत निर्माण दिल्ली में चलता पाया गया, तो बिना किसी चेतावनी के उसे सील किया जाएगा। यही नियम उन इंडस्ट्रीज पर भी लागू होगा जो तय मानकों के बिना काम कर रही हैं। अनुमति का मतलब छूट नहीं है; हर यूनिट को प्रदूषण नियमों का पालन करना ही होगा।

जवाबदेही तय करने के लिए क्षेत्रीय इंजीनियरों और जिला अधिकारियों को अपने-अपने इलाकों में लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी उल्लंघन मिलेगा, वहां सीधे जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही हालिया सर्वे में चिन्हित की गई इंडस्ट्रीज की दोबारा जांच के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।


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