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पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य के करीब पहुंचा देश, मंत्री सुरेश गोपी ने राज्यसभा में दी जानकारी

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने जुलाई 2025 में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 19.93 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है

पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य के करीब पहुंचा देश, मंत्री सुरेश गोपी ने राज्यसभा में दी जानकारी
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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने जुलाई 2025 में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 19.93 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिससे चालू इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 की औसत मिलावट दर 19.05 प्रतिशत पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को संसद में दी गई।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि देश का 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य पहले 2030 से घटाकर इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2025-26 तक कर दिया गया है। यह तेजी से विस्तार के कारण संभव हुआ है।

सरकार इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा दे रही है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी), इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं।

सरकार ने 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलावट का लक्ष्य इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2025-26 तक हासिल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें इथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल (फीडस्टॉक) का दायरा बढ़ाना और अनाज आधारित डिस्टिलरीज के आसपास मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए मक्का क्लस्टर विकसित करना शामिल है, ताकि इन क्षेत्रों में कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिए खाद्य निगम (एफसीआई) के 52 लाख मीट्रिक टन अधिशेष चावल की आपूर्ति को मंजूरी दी है, जो ईएसवाई 2024-25 (1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक) और ईएसवाई 2025-26 (30 जून 2026 तक) के लिए है। इसके अलावा, ईएसवाई 2024-25 के लिए 40 लाख मीट्रिक टन चीनी को इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग करने की अनुमति दी गई है।

देश में इथेनॉल उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इथेनॉल खरीद के लिए निश्चित मूल्य प्रणाली लागू की गई है।

इसके अलावा, ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत तक कम किया गया है। सरकार ने 2018-22 के दौरान मोलासेस और अनाज से इथेनॉल उत्पादन के लिए विभिन्न इथेनॉल ब्याज सब्सिडी योजनाएं (ईआईएसएस) शुरू की हैं।

साथ ही, सहकारी चीनी मिलों के लिए मौजूदा गन्ना आधारित डिस्टिलरीज को मल्टी-फीडस्टॉक संयंत्रों में बदलने के लिए एक विशेष सब्सिडी योजना भी अधिसूचित की गई है। इनके अलावा, अन्य उपायों के माध्यम से भी इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।


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