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रामलीला मैदान में आज कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ विरोध प्रदर्शन

दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को कांग्रेस पार्टी कथित तौर पर वोट चोरी के मुद्दे पर प्रदर्शन करेगी

कर्नाटक के सभी विधायक और हजारों कार्यकर्ता होंगे मौजूद

  • राहुल गांधी और खरगे देंगे आंदोलन को नेतृत्व
  • शिवकुमार बोले – अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम लिस्ट से हटाए गए
  • कांग्रेस का दावा – लोकतंत्र बचाने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का अभियान

नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को कांग्रेस पार्टी कथित तौर पर वोट चोरी के मुद्दे पर प्रदर्शन करेगी। इस दौरान कर्नाटक कांग्रेस के सभी विधायक एवं 1,000 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बताया कि इससे लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के प्रदर्शन को मजबूती मिलेगी।

बेंगलुरु में शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए, शिवकुमार ने कहा, "हमारे राज्य में 'वोट चोरी' अभियान बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में एक बड़े सम्मेलन के साथ शुरू हुआ। रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक और बड़ा कार्यक्रम होगा। कर्नाटक से 1,000 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं।"

उन्होंने कहा कि पार्टी नेता राज्य के सभी हिस्सों से ट्रेन और फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे हैं, और बताया कि 100 से ज्यादा विधायक और एमएलसी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। शिवकुमार ने साफ किया कि वे भी उनके साथ प्रदर्शन में शामिल होंगे।

शिवकुमार ने कहा कि चुनाव हारने के बाद भी, पार्टी नेता राहुल गांधी ने लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए ऐसा ही एक कार्यक्रम आयोजित किया था। उन्होंने कहा, "एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। हम सभी इस अभियान का समर्थन करने के लिए शामिल हो रहे हैं।"

इससे पहले शनिवार को, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में आयोजित 'वोट चोरी' विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंचे।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी इस आंदोलन में शामिल होने के लिए रविवार को दिल्ली पहुंचने वाले हैं।

'वोट चोरी' मुद्दे पर बोलते हुए, शिवकुमार ने आरोप लगाया कि देश भर में अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "हमारे नेता, राहुल गांधी ने यह मुद्दा उठाया है। उन्होंने हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया; इसके बजाय, वे हमसे जानकारी देने के लिए कह रहे हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत जानकारी नहीं दी जा रही है। मैंने भी जानकारी मांगी थी, लेकिन वह नहीं दी गई।"

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस विरोध प्रदर्शन का मकसद चुनावी प्रक्रियाओं में कथित अनियमितताओं की ओर राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना और मतदाताओं के नाम हटाने के मामले में अधिकारियों से जवाबदेही तय करना है। पार्टी नेतृत्व ने कहा है कि यह आंदोलन लोकतंत्र की रक्षा करने और देश भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के व्यापक अभियान का हिस्सा है।


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