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सीबीआई ने साइबर अपराध के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर की छापेमारी, फर्जी मैसेज भेजकर ठगने के मामले में तीन गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-5 के तहत साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

सीबीआई ने साइबर अपराध के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर की छापेमारी, फर्जी मैसेज भेजकर ठगने के मामले में तीन गिरफ्तार
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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-5 के तहत साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पता लगाया है, जो पूरे देश में लाखों फिशिंग एसएमएस भेजकर लोगों को ठगने का काम कर रहा था।

इन फर्जी मैसेज में नकली डिजिटल गिरफ्तारी, आसान लोन, निवेश के झूठे अवसर और अन्य धोखाधड़ी के लालच दिए जाते थे। इस मामले में अब तक तीन लोगों-सोनवीर सिंह, मनीष उप्रेती और हिमालय को गिरफ्तार किया गया है।

सीबीआई ने रोजाना लोगों के फोन पर आने वाले उन संदिग्ध एसएमएस की गहराई से जांच की। इस दौरान पता चला कि एनसीआर और चंडीगढ़ क्षेत्र में एक गिरोह सक्रिय है, जो साइबर ठगों को बल्क एसएमएस भेजने की सुविधा मुहैया करा रहा था। हैरानी की बात यह है कि विदेशी अपराधी भी इस सुविधा का इस्तेमाल करके भारतीय लोगों को ठग रहे थे।

जांच से खुलासा हुआ कि नियमों को तोड़ते हुए करीब 21,000 सिम कार्ड हासिल किए गए थे। इन सिम को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से कंट्रोल किया जाता था, जिससे हर दिन लाखों फर्जी मैसेज भेजे जाते थे। इन मैसेज का मकसद लोगों की पर्सनल जानकारी और बैंक डिटेल्स चुराना था। ठग लोग नकली लोन, निवेश और अन्य फायदों का लालच देकर लोगों को फंसाते थे।

दूरसंचार विभाग की मदद से और संचार साथी पोर्टल जैसी जानकारी का इस्तेमाल करके सीबीआई ने एक प्राइवेट कंपनी लॉर्ड महावीर सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया। आरोप है कि यही कंपनी यह अवैध सिस्टम चला रही थी, जिससे ठगों को पूरे देश में फर्जी मैसेज भेजने की छूट मिल रही थी।

सीबीआई ने दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ में कई जगहों पर छापेमारी की। इन छापों में एक पूरा सक्रिय सिस्टम बरामद हुआ, जिसमें सर्वर, कम्युनिकेशन डिवाइस, यूएसबी हब, डोंगल और हजारों सिम कार्ड शामिल थे। इस सेटअप से रोजाना लाखों धोखाधड़ी वाले मैसेज भेजे जा रहे थे।

छापेमारी के दौरान सीबीआई ने महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत, बेहिसाब कैश और क्रिप्टोकरेंसी भी जब्त की। शुरुआती जांच से कुछ टेलीकॉम कंपनियों के चैनल पार्टनर और कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है, जिन्होंने अवैध तरीके से सिम कार्ड उपलब्ध कराने में मदद की।

सीबीआई का कहना है कि यह कार्रवाई संगठित साइबर क्राइम के खिलाफ उनकी मजबूत प्रतिबद्धता को दिखाती है। एजेंसी अब साइबर अपराध के तकनीकी आधार पर सीधा हमला कर रही है। अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर और एडवांस्ड इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके सीबीआई उन अपराधियों पर सख्त कार्रवाई जारी रखेगी, जो टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करके आम लोगों को ठगते हैं। सीबीआई का लक्ष्य है कि ऐसे अपराधियों को कानून की सजा जरूर मिले।


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