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राजस्थान एसआई भर्ती पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, ट्रेनिंग पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में सुनवाई करते हुए चयनित उम्मीदवारों की ट्रेनिंग पर रोक लगा दी है

राजस्थान एसआई भर्ती पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, ट्रेनिंग पर रोक
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पेपर लीक विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने चयनित उम्मीदवारों की ट्रेनिंग पर लगाई रोक

  • सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप, एसआई चयन प्रक्रिया पर फिर उठे सवाल
  • भर्ती पारदर्शिता पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख, ट्रेनिंग पर तत्काल रोक

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में सुनवाई करते हुए चयनित उम्मीदवारों की ट्रेनिंग पर रोक लगा दी है और राजस्थान हाई कोर्ट को तीन महीने के भीतर इस मामले पर अंतिम फैसला देने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, राजस्थान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने 8 सितंबर को एक आदेश जारी किया था, जिसमें चुने गए उम्मीदवारों को ट्रेनिंग की अनुमति दी गई थी। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि ट्रेनिंग पूरी होने के बावजूद उन्हें फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जाएगी, जब तक कि अंतिम निर्णय न आ जाए। इस आदेश के बाद ट्रेनिंग प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए ट्रेनिंग को भी अनुचित बताया।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब तक हाई कोर्ट इस पूरे मामले पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेता, तब तक किसी भी तरह की ट्रेनिंग कराना उचित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच से कहा है कि वह पूरे मामले की गहनता से सुनवाई कर तीन महीने के भीतर फैसला सुनाए। इससे न केवल अभ्यर्थियों की स्थिति स्पष्ट होगी, बल्कि इस विवाद का भी शीघ्र समाधान निकल सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस समीर एकलपीठ के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें एसआई भर्ती की पूरी चयन प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी। एकलपीठ ने पेपर लीक और गंभीर अनियमितताओं के आधार पर यह आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी बदलाव से इनकार करते हुए स्पष्ट किया कि जब तक हाईकोर्ट अंतिम फैसला नहीं सुनाता, तब तक एकलपीठ का आदेश प्रभावी रहेगा।

गौरतलब है कि राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद हजारों उम्मीदवार प्रभावित हुए थे। इस मामले ने राज्य की भर्ती प्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए थे। कई अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद यह मामला लगातार कानूनी प्रक्रिया में उलझा हुआ है।


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