सुप्रीम कोर्ट का दिवाली तोहफा, दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों को मिली मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर वालों को दिवाली का तोहफा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के मौके पर पटाखे बैन पर चीफ जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है

पर्यावरण और परंपरा में संतुलन, कोर्ट ने दी ग्रीन पटाखों की इजाजत
- दिल्ली-एनसीआर में अब चलेंगे ग्रीन पटाखे, सुप्रीम कोर्ट ने हटाया प्रतिबंध
- दिवाली पर राहत, सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को दी हरी झंडी
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला: प्रदूषण कम, उत्सव बरकरार- ग्रीन पटाखों को मंजूरी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर वालों को दिवाली का तोहफा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के मौके पर पटाखे बैन पर चीफ जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। यह फैसला पर्यावरण और परंपरा के बीच संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। कोर्ट ने कहा कि ग्रीन पटाखे पर्यावरण के लिए अपेक्षाकृत कम हानिकारक हैं और इनसे 30% तक कम प्रदूषण होता है।
क्या हैं ग्रीन पटाखे?
ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम धुआं और शोर उत्पन्न करते हैं। इन्हें विशेष रूप से इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाएं। इन पटाखों में हानिकारक रसायनों का उपयोग कम किया जाता है और ये इको-फ्रेंडली माने जाते हैं।
निर्णय की शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि ग्रीन पटाखों की बिक्री केवल प्रमाणित निर्माताओं द्वारा की जा सकती है। इसके अलावा, इन पटाखों का उपयोग केवल निर्धारित समय सीमा के भीतर ही किया जा सकेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस अनुमति का दुरुपयोग न हो, इसके लिए सख्त निगरानी की जाएगी।
पर्यावरण और परंपरा का संतुलन
यह फैसला उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो दिवाली पर पटाखों के बिना त्योहार अधूरा मानते हैं। वहीं, पर्यावरणविदों ने भी इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि यह प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।
इस फैसले के बाद दिल्ली-एनसीआर में दिवाली का जश्न पहले से अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होने की उम्मीद है।


