मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण : शमा मोहम्मद
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने मतदाता पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताया

आधार कार्ड को मान्यता देना चुनाव आयोग और सरकार के लिए जवाब
- चुनाव आयोग की चुप्पी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
- डिजिटल डेटा कहां से आया? कांग्रेस ने उठाया सवाल
- चुनाव आयोग की निष्क्रियता से उठे कई सवाल
नई दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने गुरुवार को मतदाता पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि बिहार में जिन मतदाताओं के नाम सूची से काटे गए थे, उनके बारे में हम नहीं बताएंगे और न ही इसकी वजह के बारे में बताएंगे। वहीं, चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सूची डालने को कहा गया है।
आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह टिप्पणी के लिए माकूल जवाब है, जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट की ओर से टिप्पणी की गई है, उसे देखते हुए यह चुनाव आयोग और केंद्र सरकार दोनों के लिए एक जवाब है। जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है, वो बिल्कुल ठीक है। हम इसका स्वागत करते हैं।
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस और वोट चोरी का आरोप
उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया कि आखिर कैसे वोटों की चोरी हो रही है। लेकिन, अभी तक इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं की गई और न ही कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है। चुनाव आयोग ने लगातार चुप्पी साध रखी है। ऐसी स्थिति में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। लेकिन, इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कौन कर रहा है? भाजपा कर रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस तो चुनाव आयोग को करनी चाहिए। लेकिन, अभी तक आयोग ने एक कमेंट करना भी जरूरी नहीं समझा है। आखिर यह सब क्या चल रहा है?
भाजपा और चुनाव आयोग के बीच संबंधों की जांच की मांग
उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर ने कुछ मुस्लिम और ईसाई नामों का जिक्र करके यह सवाल किया कि आखिर एक घर में हिंदू और मुस्लिम कैसे रह सकते हैं? लेकिन, मैं आपको बता दूं कि यह कोई घर नहीं, बल्कि पूरा इलाका है और जब बात इलाके की आती है, तो ऐसी स्थिति में जाहिर सी बात है कि वहां सभी धर्मों के लोग रहते होंगे। उनके पास यह डिजिटल डाटा कहां से आया है? वो लगातार इन नामों का जिक्र कर रहे थे। चुनाव आयोग ने हमें ऐसा कोई भी डेटा नहीं उपलब्ध कराया। यह सवाल उठता है कि भाजपा और चुनाव आयोग के बीच क्या संबंध है? इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके।


