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सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज बोले- न्याय की मांग पर भी रोका जा रहा विरोध

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने उन्नाव रेप केस में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा कि आज स्थिति यह हो गई है कि जिस सरकार ने वादा किया था कि महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण उनके लिए अहम मुद्दे हैं

सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज बोले- न्याय की मांग पर भी रोका जा रहा विरोध
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उन्नाव केस पर सरकार पर निशाना, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी पर सवाल

  • सुप्रीम कोर्ट ने दोषी कुलदीप सेंगर की जमानत रोकी, फिर भी पीड़िता को न्याय अधूरा
  • ‘बेटी बचाओ’ के नारे पर उठे सवाल, पीड़िता का परिवार डर के साए में जीने को मजबूर
  • निर्भया आंदोलन की याद दिलाई, सरोज बोले- आज विरोध की आवाज भी दबाई जा रही है

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने उन्नाव रेप केस में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा कि आज स्थिति यह हो गई है कि जिस सरकार ने वादा किया था कि महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण उनके लिए अहम मुद्दे हैं, वहां रेप केस की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अगर विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती है। इनकी सरकार में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का भी अधिकार नहीं है।

सपा सांसद का यह बयान उस वक्त आया है जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्नाव रेप केस के दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर रोक लगाई गई।

सपा सांसद ने कहा कि मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पूर्व विधायक और प्रभावशाली नेता रेप केस में शामिल रहे। जिस तरह से पूरे परिवार को उजाड़कर फेंक दिया गया, वह परेशान करने वाला है।

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक बस खेल खेला जा रहा है। पीड़िता को अभी तक न्याय नहीं मिला है। देश ने उम्मीद के साथ देखा था कि जब बात महिलाओं पर आती है तो यह सरकार अपनों को भी नहीं छोड़ती, लेकिन देखने को मिल रहा है कि अभी भी कुलदीप सेंगर का समर्थन किया जा रहा है, जिससे सरकार के मंसूबे और नीयत साफ हो गई है।

उन्होंने एडीआर की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली पार्टी है। देश का दुर्भाग्य है कि लोगों को पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है। किस तरह से पीड़िता के परिवार को डर-डर के जीना पड़ा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद लोगों को मजबूरन सड़कों पर आना पड़ा।

उन्होंने कहा कि निर्भया के मामले में दिल्ली की जनता सड़कों पर उतर गई थी। इस केस में विरोध करने पर रोका जा रहा है। भय का माहौल है। सरकार जब अपने लोगों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है तो दूसरों को न्याय कैसे दिलाएगी?


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