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सिंधिया ने स्वदेशी 4G-5G और AI मिशन को बताया भारत की डिजिटल क्रांति का आधार

केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को नई दिल्ली में आयोजित चतुर्थ कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में 'संचार: उभरती प्रौद्योगिकियां' विषय पर संबोधित किया

सिंधिया ने स्वदेशी 4G-5G और AI मिशन को बताया भारत की डिजिटल क्रांति का आधार
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भारत बना नवाचार का वैश्विक केंद्र: सिंधिया ने गिनाईं डिजिटल मिशन की उपलब्धियां

  • संचार सम्मेलन में सिंधिया का संबोधन- भारत आत्मनिर्भर तकनीक से वैश्विक मंच पर अग्रसर
  • सिंधिया बोले- भारत 2027 तक बनेगा दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को नई दिल्ली में आयोजित चतुर्थ कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में 'संचार: उभरती प्रौद्योगिकियां' विषय पर संबोधित किया। सम्मेलन की थीम 'अशांत समय में समृद्धि की तलाश' पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक चुनौतियों को अवसर में बदलने की अनूठी क्षमता दिखाई है। दूरदृष्टि और दृढ़ता के बल पर भारत आज वैश्विक मंच पर एक नई पहचान बना रहा है।

कोरोना महामारी से मिली सीख को याद करते हुए सिंधिया ने कहा कि उस समय पूरी दुनिया, उद्योगों से लेकर शिक्षा क्षेत्र तक, एक ऐसे माइक्रोचिप पर निर्भर थी जो एक नाखून से भी छोटा होता है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए 76 हजार करोड़ रुपए के सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की।

इस मिशन के तहत विभिन्न राज्यों में फैब्रिकेशन यूनिट्स स्थापित की जा रही हैं और 85,000 युवाओं को स्किलिंग ट्रेनिंग दी जा रही है। अब तक इस क्षेत्र में 1.6 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है। सिंधिया ने कहा कि यह भारत को एक आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित कर रहा है।

सिंधिया ने कहा कि आज की दुनिया में अस्थिरता एक स्थायी तत्व बन चुकी है। कहीं संघर्ष, कहीं संरक्षणवाद, कहीं जलवायु संकट और कहीं मुद्रास्फीति। इसके बावजूद भारत ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर्ज कर अपनी आर्थिक शक्ति का प्रमाण दिया है। उन्होंने कहा कि भारत अब वैश्विक दक्षिण की धुरी बन चुका है। हमारा देश केवल निवेश का गंतव्य नहीं, बल्कि दिशा है। एक दृष्टि और एक मिशन है, जो अशांत समय में भी समृद्धि की राह दिखा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के पास आज 1.22 अरब से अधिक टेलीफोन उपभोक्ता और 944 मिलियन ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं, जो पिछले एक दशक में 15 गुना वृद्धि दर्शाते हैं। भारत ने दुनिया की सबसे तेज 5जी रोलआउट की है, जिससे केवल 22 महीनों में 99.8 प्रतिशत जिलों को कनेक्ट कर लिया गया है। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे यूपीआई अब हर वर्ष लगभग 260 अरब लेनदेन संभालता है, जो वैश्विक डिजिटल लेनदेन का 46 प्रतिशत है। सिंधिया ने कहा कि भारत समावेश और सशक्तिकरण के माध्यम से नवाचार का वैश्विक केंद्र बन चुका है।

सिंधिया ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने हाल ही में बीएसएनएल का पहला पूर्ण स्वदेशी 4जी स्टैक लॉन्च किया है, जिसे झारसुगुड़ा (ओडिशा) में प्रस्तुत किया गया। यह स्टैक सी-डॉट, टेजस नेटवर्क्स और टीसीएस के सहयोग से विकसित किया गया है। इस पहल के तहत 92,564 टावर लगाए जा चुके हैं, जो कश्मीर से कन्याकुमारी और भरूच से अरुणाचल प्रदेश तक कनेक्टिविटी प्रदान कर रहे हैं। भारत अब उन पांच देशों में शामिल हो गया है जो पूरी तरह स्वदेशी टेलीकॉम इकोसिस्टम विकसित करने में सक्षम हैं। बीएसएनएल ने 17 वर्षों बाद लाभ दर्ज किया है। इसके उपभोक्ता 78 लाख से बढ़कर 2.2 करोड़ हो चुके हैं। सभी टावर अब 5जी अपग्रेड के लिए तैयार हैं, जिससे भारत अगली तकनीकी लहर का नेतृत्व करेगा।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर बात करते हुए सिंधिया ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता संचार का अगला क्षेत्र है। भारत सरकार का इंडिया एआई मिशन देश में बड़े पैमाने पर कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वदेशी फाउंडेशनल मॉडल्स और स्टार्टअप्स को सशक्त कर रहा है। निजी क्षेत्र ने अब तक 38 हजार जीपीयू में 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि कुल एआई इकोसिस्टम में निवेश 10 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

सिंधिया ने कहा कि एआई का विकास भारतीय भाषाओं में, भारतीय जरूरतों के अनुसार होना चाहिए। यह किसी आयातित तकनीक का रूप नहीं, बल्कि भारतीय सोच का विस्तार होना चाहिए। उन्होंने 'भाषिणी ऐप' को इसका उदाहरण बताते हुए कहा कि यह ऐप रीयल-टाइम अनुवाद के जरिए नागरिकों को सशक्त बना रहा है। भारत का लक्ष्य अब दुनिया के शीर्ष पांच एआई राष्ट्रों में शामिल होना है।

सिंधिया ने अपने संबोधन का समापन करते हुए भारत की विभिन्न उपलब्धियों का उल्लेख किया। भारत आज मोबाइल डेटा उपभोग में विश्व में प्रथम, इंटरनेट उपयोग और मोबाइल निर्माण में द्वितीय, स्टार्टअप्स और वैज्ञानिक प्रतिभा में तृतीय और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में चतुर्थ स्थान पर है। उन्होंने कहा कि भारत 2027 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत की यात्रा धन और ज्ञान, दोनों के संतुलन की यात्रा है, जो 'स्वदेशी नवाचार', 'आत्मनिर्भर क्षमताओं' और 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना से प्रेरित है।


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