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दिल्ली में आरएसएस का भव्य विजयादशमी उत्सव, 346 स्थानों पर पथ संचलन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने विजयादशमी के पावन अवसर पर अपनी यात्रा के 100 वर्ष पूरे कर 101वें वर्ष में प्रवेश किया

दिल्ली में आरएसएस का भव्य विजयादशमी उत्सव, 346 स्थानों पर पथ संचलन
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संघ स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण, दिल्ली में हजारों स्वयंसेवकों ने किया शक्ति प्रदर्शन

  • आरएसएस ने मनाया स्थापना दिवस, दिल्ली में व्यापक जन सहभागिता के साथ उत्सव आयोजित
  • संघ के शताब्दी वर्ष की शुरुआत, दिल्ली में पथ संचलन और विचार प्रबोधन कार्यक्रम

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने विजयादशमी के पावन अवसर पर अपनी यात्रा के 100 वर्ष पूरे कर 101वें वर्ष में प्रवेश किया। इसी दिन वर्ष 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। संघ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में, दिल्ली में 346 स्थानों पर मंडल स्तर पर श्री विजयादशमी उत्सव, शस्त्र पूजन और पथ संचलन का भव्य आयोजन किया गया।

पथ संचलन के दौरान, हजारों स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में घोष की धुन पर कदमताल करते हुए भाग लिया। वहीं, बड़ी संख्या में स्वयंसेवक व्यवस्था में जुटे रहे। विभिन्न कॉलोनियों और बस्तियों से गुजरते समय, समाज के सभी वर्गों, युवाओं, महिलाओं और प्रबुद्धजनों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का गर्मजोशी से स्वागत किया।

कार्यक्रमों में समाज के गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया गया था। पथ संचलन की समाप्ति पर विभिन्न स्थानों पर अखिल भारतीय, क्षेत्र एवं प्रांत के अधिकारियों ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया।

वक्ताओं ने संघ की स्थापना की आवश्यकता, उद्देश्य और इसकी 100 वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्र के परम वैभव के लिए स्वयंसेवकों और समाज से अपने दैनिक जीवन में 'पंच परिवर्तन' अपनाने का आह्वान किया। वहीं, सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, स्वदेशी को अपनाना और नागरिक कर्तव्यों का पालन पर जोर दिया गया।

प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार पश्चिम विहार में आयोजित श्री विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

पथ संचलन के समापन पर अलग-अलग स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय, क्षेत्र एवं प्रांत के अधिकारियों द्वारा स्वयंसेवकों का प्रबोधन किया गया। विजयादशमी उत्सव के साथ ही संघ शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो गया, जिसके अंतर्गत वर्षपर्यंत समाज द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वृहद गृह संपर्क एवं हिन्दू सम्मेलन प्रमुख हैं।


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