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आरएसएस राष्ट्रवादी संगठन, उदित राज हासिल करना चाहते हैं सस्ती लोकप्रियता : तरुण चुघ

कांग्रेस नेता उदित राज के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आतंकवादी संगठन कहे जाने वाले बयान ने देश में सियासी घमासान मचा दिया है

आरएसएस राष्ट्रवादी संगठन, उदित राज हासिल करना चाहते हैं सस्ती लोकप्रियता : तरुण चुघ
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उदित राज के बयान पर भाजपा का पलटवार, आरएसएस को बताया राष्ट्रवादी संगठन

  • आरएसएस पर टिप्पणी से सियासी घमासान, भाजपा ने कांग्रेस पर लद्दाख और 26/11 को लेकर उठाए सवाल
  • उदित राज के बयान को लेकर भाजपा हमलावर, तरुण चुघ ने बताया अज्ञानता भरा
  • भाजपा ने कांग्रेस पर लद्दाख और सुरक्षा मुद्दों पर राजनीति करने का लगाया आरोप

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता उदित राज के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आतंकवादी संगठन कहे जाने वाले बयान ने देश में सियासी घमासान मचा दिया है। इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने उदित राज के बयान को मूर्खतापूर्ण और अज्ञानता से भरा करार दिया और कहा कि वे केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र को देवता मानकर देश के लिए तप करने वाले लोगों का संगठन है। पिछले सौ वर्षों से यह संगठन व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में लगा है। यह जातिवाद और अलगाववाद को तोड़ने के साथ-साथ देश के जन-जन को जोड़ने का कार्य करता है। आरएसएस ने पिछड़े, वंचित और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए सराहनीय कार्य किया है। उनकी 'नर सेवा, नारायण सेवा' और 'राष्ट्र प्रथम' की सोच ने देशवासियों में संघ के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव पैदा किया है।"

तरुण चुघ ने कांग्रेस पर लद्दाख के मुद्दे को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लद्दाख जैसे संवेदनशील क्षेत्र को अपनी राजनीति का अखाड़ा बनाया है।

उन्होंने सवाल उठाया, "लद्दाख में हिंसा किसके इशारे पर हुई? कांग्रेस नेताओं की इसमें क्या भूमिका थी? कौन चीन की सेना को रास्ता दिखाने की बात कर रहा था?"

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए लद्दाख जैसे पर्यटन क्षेत्र को अशांति की आग में झोंक दिया।

तरुण चुघ ने 26/11 मुंबई हमले का जिक्र करते हुए यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने विदेशी दबाव के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

चुघ ने तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उनकी स्वीकारोक्ति से यह साफ है कि यूपीए सरकार ने उस समय कaमजोरी दिखाई। यदि उस समय सख्त कार्रवाई की गई होती, तो बाद की कई घटनाओं को रोका जा सकता था। जनता सब देख रही है।


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