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पंजाब सरकार दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रही है : मनजिंदर सिंह सिरसा

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए

पंजाब सरकार दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रही है : मनजिंदर सिंह सिरसा
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नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार जानबूझकर दिल्ली की हवा को प्रदूषित करने का काम कर रही है।

सिरसा ने दावा किया कि पिछले चार दिनों में पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है और यह कोई संयोग नहीं है। किसानों पर पराली जलाने के लिए दबाव डाला जा रहा है और उन्हें उकसाया जा रहा है ताकि दिल्ली में प्रदूषण का राजनीतिक इस्तेमाल सरकार को निशाना बनाने के लिए किया जा सके।

उन्होंने दीपावली समारोह पर आप नेताओं की हालिया टिप्पणियों की कड़ी निंदा की। सिरसा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम एक पवित्र त्योहार का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है। दीपावली किसी राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं है, यह भारत की आत्मा का त्योहार है। दीपावली को 'पाप' कहना हमारी आस्था और संस्कृति का अपमान है।

उन्होंने आगे कहा कि यह वही पार्टी है, जिसने मतदाताओं के एक वर्ग को खुश करने के लिए पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था और अब दीपावली मनाने वालों को 'गलत काम करने वाले' करार दे रही है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने कभी विधानसभा के अंदर भगवान श्रीराम का विरोध किया था।

सिरसा ने बताया कि दीपावली के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर है। 2020 में एक्यूआई 462 था, तो वहीं 2024 में एक्यूआई 360 दर्ज किया गया। लेकिन, 2025 में एक्यूआई 351 दर्ज किया गया। इससे यह साफ साबित होता है कि पटाखे प्रदूषण का मुख्य कारण नहीं हैं। दिल्लीवासियों ने जिम्मेदारी से त्योहार मनाया और हमारे उपायों से वायु गुणवत्ता में स्थिरता सुनिश्चित हुई।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने 28 लाख मीट्रिक टन कचरे के लक्ष्य के मुकाबले 27 लाख मीट्रिक टन कचरे को हटाने में सफलता हासिल की है। इसके साथ ही, 500 वर्ग मीटर से अधिक के सभी निर्माण स्थलों की वास्तविक समय में निगरानी शुरू की गई है। प्रदूषण कम करने के लिए हजारों इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को शामिल किया गया है, जिससे उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है। इसके अलावा, 6 हजार से अधिक उद्योगों को 'शून्य प्रदूषण' मानकों के तहत संचालन और स्थापना की अनुमति दी गई है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हुई है।

सिरसा ने कहा कि पहले प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र 18-30 सेकंड में बिना जांच के जारी हो जाते थे, लेकिन अब हर वाहन की वास्तविक समय में जांच के बाद ही प्रमाणन दिया जाता है, जो पारदर्शिता का नया मानक स्थापित करता है। दिल्ली में 21 फीसदी निर्माण वृद्धि और 8 फीसदी नए वाहन पंजीकरण के बावजूद प्रदूषण का स्तर स्थिर रहा है। यह दर्शाता है कि जब नीति और इरादा दोनों स्वच्छ हों, तो विकास और पर्यावरण एक साथ प्रगति कर सकते हैं। साथ ही, पुराने वाहनों पर पहले लगाए गए मनमाने प्रतिबंधों को तर्कसंगत बनाया गया है, जिससे पर्यावरणीय लक्ष्यों को प्रभावित किए बिना निष्पक्षता सुनिश्चित की गई है।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल दस साल तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उन्होंने सिर्फ कचरे के पहाड़, टूटी सड़कें और मरती यमुना छोड़ी। हमने सात महीनों में 27 लाख टन कचरा हटाया, यमुना सफाई को तेज किया और निर्माण स्थलों की निगरानी को कड़ा किया। फिर भी, विपक्ष धर्म के नाम पर विभाजनकारी राजनीति कर रहा है। 27 साल में जो काम नहीं हुआ, वह सात महीनों में परिणाम देने लगा है, तो उनकी बेचैनी स्वाभाविक है।

क्लाउड सीडिंग को लेकर सिरसा ने कहा कि यह तभी होती है जब बादल होते हैं। पहले 'बादल' आते हैं, फिर 'सीडिंग'। बादलों के बिना, क्लाउड सीडिंग वैज्ञानिक रूप से असंभव है। लोगों को राजनीतिक बयानबाजी करने से पहले विज्ञान को समझना चाहिए। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सुरक्षित हाथों में है। यमुना की सफाई से लेकर ऊंची इमारतों पर वास्तविक समय में वायु निगरानी तक, हर पहल का उद्देश्य प्रदूषण कम करना है। जो लोग गलत सूचना फैला रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि दिल्ली बदल रही है, और इसके परिणाम दिखाई दे रहे हैं।


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