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राष्ट्रपति मुर्मू का चार दिवसीय दौरा : गोवा, कर्नाटक और झारखंड में कार्यक्रम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 से 30 दिसंबर तक गोवा, कर्नाटक और झारखंड के चार दिवसीय दौरे पर रहेंगी

राष्ट्रपति मुर्मू का चार दिवसीय दौरा : गोवा, कर्नाटक और झारखंड में कार्यक्रम
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कारवार में पनडुब्बी से समुद्री भ्रमण करेंगी राष्ट्रपति

  • जमशेदपुर में ओल चिकी लिपि शताब्दी समारोह और एनआईटी दीक्षांत में शामिल होंगी
  • गुमला में कार्तिक जात्रा को संबोधित करेंगी राष्ट्रपति मुर्मू
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से 20 प्रतिभाशाली बच्चों को किया सम्मानित

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 से 30 दिसंबर तक गोवा, कर्नाटक और झारखंड के चार दिवसीय दौरे पर रहेंगी। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

राष्ट्रपति 27 दिसंबर की शाम गोवा के लिए रवाना होंगी। 29 दिसंबर को वह कर्नाटक के कारवार हार्बर से एक पनडुब्बी में समुद्री भ्रमण (सी सॉर्टी) करेंगी।

इसके बाद 29 दिसंबर को ही राष्ट्रपति झारखंड के जमशेदपुर में ओल चिकी लिपि के शताब्दी समारोह में शिरकत करेंगी। इसी दिन वह एनआईटी जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह को भी संबोधित करेंगी।

दौरे के अंतिम दिन, 30 दिसंबर को राष्ट्रपति झारखंड के गुमला में आयोजित अंतरराज्यीय जनसांस्कृतिक समागम समारोह कार्तिक जात्रा को संबोधित करेंगी।

इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 बच्चों को सम्मानित किया। इन बच्चों को कला, संस्कृति, खेल और नवाचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों और योगदान के लिए सम्मान दिया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों को आशीर्वाद दिया और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “मैं सभी बच्चों को अपना आशीर्वाद देती हूं। इन युवा प्रतिभाओं ने अपने परिवार और समाज का नाम रोशन किया है। मैं उनके माता-पिता और परिजनों को भी उनके सहयोग के लिए बधाई देती हूं।”

वीर बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 26 दिसंबर को हर वर्ष वीर बाल दिवस सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के साहस और बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

उन्होंने कहा, “क्या आप जानते हैं कि हम वीर बाल दिवस क्यों मनाते हैं? इसके पीछे एक लंबा और प्रेरणादायी इतिहास है।” राष्ट्रपति ने इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और उनकी टीम की भी सराहना की, जिन्होंने प्रतिभाशाली बच्चों के सम्मान समारोह का आयोजन किया।

इतिहास को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि करीब 320 वर्ष पहले गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चारों पुत्रों ने धर्म और सत्य के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने विशेष रूप से छोटे साहिबजादों साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका साहस आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करता है और उनका नाम भारत सहित पूरी दुनिया में सम्मान के साथ लिया जाता है।


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