Top
Begin typing your search above and press return to search.

पैन एम फ्लाइट 103: हवा में धमाका, 270 मौतों से दहला विश्व

अंतरराष्ट्रीय विमानन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक 21 दिसंबर 1988 की रात घटी, जब पैन अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 103 स्कॉटलैंड के छोटे से शहर लॉकरबी के ऊपर हवा में धमाके के साथ उड़ा दी गई

पैन एम फ्लाइट 103: हवा में धमाका, 270 मौतों से दहला विश्व
X

लॉकरबी त्रासदी: तकनीकी हादसे से निकला आतंकवादी हमले का सच

  • रेडियो-कैसेट प्लेयर में छिपा बम बना सबसे बड़ा क्राइम सीन का सुराग
  • एफबीआई और अंतरराष्ट्रीय जांच ने खोला राज, 16 देशों में 10,000 इंटरव्यू
  • लॉकरबी हादसे के बाद बदले वैश्विक विमानन सुरक्षा मानक, परिवारों ने लड़ी लंबी लड़ाई

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय विमानन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक 21 दिसंबर 1988 की रात घटी, जब पैन अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 103 स्कॉटलैंड के छोटे से शहर लॉकरबी के ऊपर हवा में धमाके के साथ उड़ा दी गई।

लंदन से न्यूयॉर्क जा रहे इस बोइंग 747 विमान में सवार सभी 259 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि विमान के मलबे के शहर पर गिरने से जमीन पर मौजूद 11 लोगों की भी जान चली गई। कुल 270 मौतों ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया।

शुरुआत में यह एक तकनीकी दुर्घटना मानी गई, लेकिन जांच आगे बढ़ने पर सामने आया कि यह एक सुनियोजित आतंकवादी हमला था। विमान के कार्गो हिस्से में रखे रेडियो-कैसेट प्लेयर में छिपाया गया बम उड़ान के दौरान फटा। इस खुलासे ने न केवल पीड़ित परिवारों को झकझोर दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए। लॉकरबी का शांत शहर अचानक वैश्विक राजनीति और आतंकवाद की बहस के केंद्र में आ गया।

इस घटना के बाद वर्षों तक चली जांच, राजनयिक टकराव और प्रतिबंधों ने इसे केवल एक विमान हादसा नहीं रहने दिया, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष का प्रतीक बन गई।

एफबीआई के ऑनलाइन दस्तावेजों में इसका जिक्र है। 9/11 तक, यह दुनिया के सबसे खतरनाक हवाई आतंकवादी हमले और एफबीआई द्वारा अब तक जांचे गए अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के सबसे बड़े और सबसे जटिल मामलों में से एक था।

इस मामले को सुलझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पड़ी। 30,000 फीट की ऊंचाई पर हुए धमाके से 845 वर्ग मील के इलाके में मलबा फैल गया, जिससे अब तक का सबसे बड़ा क्राइम सीन बन गया। एफबीआई और स्कॉटिश अधिकारियों सहित 5,000 से ज्यादा रेस्पॉन्डर्स (पुलिस, फाइरफाइटर्स और पैरा मेडिक्स) ने सुरागों के लिए पूरे इलाके की छानबीन की। उन्होंने 319 टन मलबा और हजारों सबूत के टुकड़े बरामद किए। अगले कुछ सालों में, जांचकर्ताओं ने दुनिया भर का दौरा किया और 16 देशों में 10,000 से ज्यादा लोगों का इंटरव्यू लिया। इसी जांच में रेडियो कैसेट प्लेयर में बम छुपाए जाने की बात सामने आई।

पीड़ितों के परिवारों ने न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी, जबकि दुनिया भर के हवाई अड्डों पर सुरक्षा मानकों में बड़े बदलाव किए गए। आज जिस कड़े विमानन सुरक्षा ढांचे को सामान्य माना जाता है, उसकी नींव काफी हद तक लॉकरबी त्रासदी के बाद ही पड़ी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it