पहलगाम आतंकी हमले में एनआईए का बड़ा एक्शन, 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम आतंकी हमले मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा/द रेजिस्टेंस फ्रंट समेत कुल सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम आतंकी हमले मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा/द रेजिस्टेंस फ्रंट समेत कुल सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए ने इस हमले की साजिश, आरोपियों की भूमिका और पुख्ता सबूतों का विस्तार से खुलासा किया है।
एनआईए की ओर से जम्मू स्थित विशेष एनआईए अदालत में दाखिल की गई 1,597 पन्नों की चार्जशीट में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा/द रेजिस्टेंस फ्रंट को एक कानूनी इकाई के रूप में नामजद किया गया है। एजेंसी के अनुसार, इस संगठन ने पहलगाम हमले की योजना बनाने से लेकर उसे सुविधाजनक बनाने और अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। यह हमला धर्म के आधार पर लक्षित हत्याओं वाला था, जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक को मौत के घाट उतार दिया गया था।
चार्जशीट में पाकिस्तानी हैंडलर आतंकी साजिद जट्ट को भी आरोपी बनाया गया है। एनआईए ने उन तीन पाकिस्तानी आतंकियों को भी नामजद किया है, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने जुलाई 2025 में श्रीनगर के दाचीगाम क्षेत्र में ऑपरेशन 'महादेव' के दौरान मार गिराया था। इन आतंकियों की पहचान फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में की गई है।
एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा/द रेजिस्टेंस फ्रंट और उपरोक्त चार आतंकियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023, आर्म्स एक्ट, 1959 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। इसके अलावा, एजेंसी ने आरोपियों पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने से संबंधित गंभीर धाराएं भी लगाई हैं।
जांच एजेंसी के अनुसार, लगभग आठ महीने तक चली गहन और वैज्ञानिक जांच के दौरान यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि मामले की साजिश की जड़ें पाकिस्तान में हैं, जो लगातार भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करता रहा है।
इस मामले में आतंकियों को पनाह देने के आरोप में 22 जून को गिरफ्तार किए गए परवेज अहमद और बशीर अहमद जोथतड को भी चार्जशीट में शामिल किया गया है। पूछताछ के दौरान इन दोनों आरोपियों ने हमले में शामिल तीनों सशस्त्र आतंकियों की पहचान उजागर की थी और यह भी पुष्टि की थी कि वे पाकिस्तानी नागरिक थे तथा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद, भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे।


