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मुसलमान सीना ठोककर कहता है कि हमारे 10 भी हैं, 12 भी: मौलाना साजिद रशीदी

भाजपा नेता नवनीत राणा के हिन्दुओं को चार बच्चे पैदा करने वाले बयान पर पलटवार करते हुए ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि मुसलमान सीना ठोककर कहता है-हमारे 10 भी हैं, 12 भी हैं

मुसलमान सीना ठोककर कहता है कि हमारे 10 भी हैं, 12 भी: मौलाना साजिद रशीदी
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नई दिल्ली। भाजपा नेता नवनीत राणा के हिन्दुओं को चार बच्चे पैदा करने वाले बयान पर पलटवार करते हुए ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि मुसलमान सीना ठोककर कहता है-हमारे 10 भी हैं, 12 भी हैं।

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि हम शुरू से ही अपने रास्ते पर चल रहे हैं। इस्लाम में बहुविवाह नहीं है। इस्लाम में किसी बच्चे को इस सोच के साथ मारना कि 'मैं इस बच्चे को खाना नहीं खिला पाऊंगा या पढ़ा नहीं पाऊंगा,' जायज नहीं है। दिक्कत हिंदुओं में है- कभी हिंदू कहते हैं, 'हम दो, हमारे दो।' कभी वे कहते हैं, 'एक ही बच्चा अच्छा है।' कभी वे कहते हैं, 'आठ बच्चे पैदा करो' या 'चार बच्चे पैदा करो।' फिर वे कहते हैं, 'एक को मंदिर में दे दो, एक को किसी धार्मिक नेता को दे दो, एक को सेना में भेज दो।' वे नए-नए तरह के तर्क देते रहते हैं।

सवाल यह है कि यह संवैधानिक अधिकार सभी महिला-पुरुष को है कि वे कितने बच्चे पैदा करें या कितने बच्चे पैदा न करें। नफरत फैलाने वाली बात नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं मुसलमान को टारगेट करने वाली बात है। मुसलमान सीना ठोककर कहता है-हमारे 10 भी हैं, 12 भी हैं, हम नहीं रोकते इन चीजों को, क्योंकि हमारे यहां इस्लाम में आस्था का मजहब है, इसे गुनाह समझते हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान पर कहा कि धर्मनिरपेक्षता तो थी, लेकिन ये लोग इसकी अलग-अलग तरह से व्याख्या कर रहे हैं। धर्मनिरपेक्षता का मतलब है कि कोई भी सरकार किसी एक खास धर्म के लिए काम नहीं कर सकती, चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार। यहां जो हो रहा है, वह यह है कि अपनी-अपनी तरह से इसकी व्याख्या करके राज्य और केंद्र सरकार दोनों धर्म के नाम पर काम कर रही हैं। यह एक गंभीर समस्या है। "सेक्युलर" का मतलब है कि सभी धर्मों को बराबर का हक है। यह नहीं है तो क्या मतलब है?

सवाल यह है कि पीएम मोदी मंदिर का उद्घाटन करने जाएं- इस तरह के काम सरकारों को नहीं करने चाहिए। यही धर्मनिरपेक्षता है। जो लोग हिंदू राष्ट्र के तौर पर देखते हैं, यह नहीं हो सकता। जो लोग संविधान को खत्म करने की बात करते हैं, वे चाहते हैं कि नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों जैसा हाल हो जाए। हम बंटवारे का दर्द आज तक नहीं भूले हैं, लेकिन रोजाना इस तरह के बयान देते हैं। मुसलमान शांत हैं; अगर मुसलमान भी खड़े हो जाएं तो स्थिति काफी खराब हो जाएगी।

मौलाना ने कहा कि गिरिराज सिंह बयानों के लिए जाने जाते हैं; उनके बयान को गंभीरता से कोई नहीं लेता है।


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