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मोदी 6 अगस्त को कर्तव्य भवन का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत यहां कर्तव्य पथ के निकट बनाये जा रहे केन्द्रीय सचिवालय भवनों में से एक कर्तव्य भवन-3 का बुधवार यानी 6 अगस्त को उद्घाटन करेंगे

मोदी 6 अगस्त को कर्तव्य भवन का उद्घाटन करेंगे
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत यहां कर्तव्य पथ के निकट बनाये जा रहे केन्द्रीय सचिवालय भवनों में से एक कर्तव्य भवन-3 का बुधवार यानी 6 अगस्त को उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार मोदी बुधवार को दिन में कर्तव्य भवन का दौरा करेंगे और उसका उद्घाटन करेंगे। बाद में शाम को वह साढे छह बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे।

यह भवन आधुनिक, कुशल और नागरिक-केंद्रित शासन के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। कर्तव्य भवन-3 सेंट्रल विस्टा परियोजना का एक हिस्सा है। यह कई ‘कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट’ भवनों में से पहला है जिसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और चुस्त शासन को सक्षम बनाना है।

यह परियोजना सरकार के व्यापक प्रशासनिक सुधार एजेंडे का प्रतीक है। यह भवन मंत्रालयों को एक साथ लाकर और अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे को अपनाकर, कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट अंतर-मंत्रालयी समन्वय में सुधार करेगा, नीति कार्यान्वयन में तेजी लाएगा और एक जवाबदेह प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा।

अभी कई प्रमुख मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच निर्मित शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों से काम कर रहे हैं जो अब संरचनात्मक रूप से पुरानी और अक्षम हो चुकी हैं। नई इमारतों में मरम्मत और रखरखाव की लागत कम होगी, उत्पादकता बढ़ेगी, कर्मचारियों की सुविधाओं में सुधार होगा।

कर्तव्य भवन-3 को दिल्ली भर में फैले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह लगभग एक लाख 50 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला एक अत्याधुनिक कार्यालय परिसर है जिसमें दो बेसमेंट और सात तल (भूतल + 6 तल) होंगे। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय होंगे।

नया भवन आधुनिक शासन ढाँचे का उदाहरण होगा जिसमें आईटी-तैयार और सुरक्षित कार्यस्थल, आईडी कार्ड-आधारित प्रवेश नियंत्रण, एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और एक केंद्रीकृत कमान प्रणाली शामिल होगी। यह स्थायित्व में भी अग्रणी होगा, और डबल-ग्लेज़्ड अग्रभाग, रूफटॉप सोलर, सोलर वॉटर हीटिंग, उन्नत एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) सिस्टम और वर्षा जल संचयन के साथ ‘गृह -4’ रेटिंग प्राप्त करने का लक्ष्य रखेगा।

कर्तव्य भवन में पानी की ज़रूरतों के एक बड़े हिस्से को पूरा करने के लिए अपशिष्ट जल के उपचार और पुन: उपयोग की व्यवस्था होगी। यह भवन 30 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें इमारत को ठंडा रखने और बाहरी शोर को कम करने के लिए विशेष कांच की खिड़कियाँ हैं। ऊर्जा-बचत करने वाली एलईडी लाइटें, ज़रूरत न होने पर लाइटें बंद करने वाले सेंसर, बिजली बचाने वाली स्मार्ट लिफ्टें और बिजली के उपयोग को प्रबंधित करने की एक उन्नत प्रणाली, ये सभी ऊर्जा बचाने में मददगार साबित होंगी। कर्तव्य भवन-3 की छत पर लगे सौर पैनल हर साल 5 लाख 34 हजार यूनिट से ज़्यादा बिजली पैदा करेंगे। सौर वॉटर हीटर गर्म पानी की दैनिक ज़रूरत का एक चौथाई से ज़्यादा हिस्सा पूरा करेंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी उपलब्ध कराए गए हैं।


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