सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का वार्षिक राजस्व दो वर्षों में 1.4 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान : गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का वार्षिक राजस्व दो वर्षों के भीतर बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का वार्षिक राजस्व दो वर्षों के भीतर बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है, जो कि वर्तमान में 55,000 करोड़ रुपए है। यह इस क्षेत्र की अपार विकास क्षमता को दर्शाता है।
गडकरी ने राष्ट्रीय राजधानी में "स्मार्ट सड़कों का भविष्य - सुरक्षा, स्थायित्व और मजबूती" विषय पर सीआईआई के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "इन्फ्रास्ट्रक्चर जन-केंद्रित होना चाहिए, जिससे नागरिकों को आराम और सुविधा सुनिश्चित हो। इसके लिए देश भर में 670 सड़कों के किनारे सुविधाएं विकसित की गई हैं।"
गडकरी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2027 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के विजन के तहत, वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि सड़क और परिवहन क्षेत्र देश भर में आर्थिक विकास, निवेश और रोजगार सृजन के अपार अवसर प्रदान करता है।
गडकरी ने कहा कि कैबिनेट में 2027 के लिए एक व्यापक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग पर चर्चा की गई, जिसमें सड़क निर्माण में 80 लाख टन प्लास्टिक कचरे के उपयोग और सड़क निर्माण के लिए पानी शुद्ध करने के प्लांट से निकलने वाले उपचारित जल के पुन: उपयोग जैसी स्थायी पहल शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "25,000 किलोमीटर लंबे दो-लेन राजमार्गों को चार-लेन में बदलने का काम चल रहा है, जबकि 2 लाख करोड़ रुपए का पोर्ट कनेक्टिविटी प्रोग्राम सभी प्रमुख पोर्ट्स को नेशनल हाईवे से जोड़ रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि बेहतर सड़क संपर्क देश के कई हिस्सों में धार्मिक पर्यटन और साहसिक खेलों को बढ़ावा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश किया गया प्रत्येक रुपया तीन रुपए की आर्थिक गतिविधि पैदा करता है, जो इसके मजबूत गुणक प्रभाव को दर्शाता है।
इस क्षेत्र के आर्थिक महत्व के बारे में बताते हुए, गडकरी ने कहा कि भारत में 80 प्रतिशत माल यातायात सड़क मार्ग से होता है, जबकि 1 प्रतिशत हवाई मार्ग से और 18 प्रतिशत अन्य साधनों से होता है। बेहतर सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ, रसद और ईंधन लागत घटकर एकल अंक के स्तर पर आ जाने की उम्मीद है।


