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मौलाना मदनी का बयान राष्ट्र, धर्म, संस्कृति और न्याय प्रणाली के लिए गंभीर चुनौती: विनोद बंसल

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के हालिया बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है

मौलाना मदनी का बयान राष्ट्र, धर्म, संस्कृति और न्याय प्रणाली के लिए गंभीर चुनौती: विनोद बंसल
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नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के हालिया बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है।

विनोद बंसल ने कहा कि मौलाना मदनी के बयान भारत के राष्ट्र, धर्म, संस्कृति, न्याय प्रणाली और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे बयान देने वाले लोग उसी थाली में छेद करते हैं, जिसमें खाते हैं। मदनी जैसे नेता मुस्लिम युवाओं और कट्टरपंथियों को जिहाद के नाम पर भड़काने का काम कर रहे हैं, जो देश की एकता और सुरक्षा के लिए खतरा है।

बंसल ने कहा कि मौलाना मदनी मुस्लिम समाज के प्रभावशाली नेता हैं और अगर वे ‘जुल्म के खिलाफ जिहाद’ का हवाला देकर युवाओं को उकसाते हैं तो इसका सीधा मतलब है कि वे अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवादियों के पक्ष में खड़े हैं। मदनी को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि वे आतंकियों का समर्थन करते हैं, क्योंकि उनके बयान इसी दिशा की ओर इशारा करते हैं। बंसल ने कहा कि दिल्ली में विस्फोट करने वाला आतंकवादी डॉक्टर उमर भी क्या उनके अनुसार जुल्म का शिकार था?”

उन्होंने आगे कहा कि सीमाओं पर तैनात भारतीय सैनिक वंदे मातरम बोलते हुए देश के लिए बलिदान देते हैं और ऐसे वीरों का अपमान किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि मौलाना मदनी के बयानों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने देश के मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे कट्टरपंथी नेतृत्व से दूरी बनाएं, क्योंकि ऐसे नेता युवाओं को जन्नत, जिहाद और 72 हूरों के नाम पर भ्रमित कर हिंसा की ओर धकेल सकते हैं, जिससे देश नहीं बल्कि पूरा समुदाय बदनाम होता है।

बंसल ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि मौलाना मदनी ने वंदे मातरम बोलने वाले लोगों को ‘मरी हुई कौम का प्रतीक’ बताया है। उन्होंने कहा कि यह बयान राष्ट्रभक्ति का अपमान है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में मस्जिद निर्माण को लेकर टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बयान पर भी बंसल ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि इतिहास में बाबर का बेटा हुमायूं था, लेकिन आज के हुमायूं का पिता बाबर नहीं है। उन्होंने कहा, “या तो वे कह दें कि बाबर ही उनके पिता हैं, या फिर स्वीकार करें कि उन्होंने बाबर को अपना लिया है और उसी आधार पर मस्जिद बनाना चाहते हैं।”


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