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रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर को एलजी सक्सेना की मंजूरी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेट्रो फेज-IV के तहत रिठाला-बावाना-नरेला-कुंडली कॉरिडोर के लिए बड़ी बाधा दूर कर दी है

रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर को एलजी सक्सेना की मंजूरी
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डीजेबी की जमीन डीएमआरसी को आवंटित, फेज-IV प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार

  • 75 लाख से अधिक भुगतान कर जमीन पर बनेगा वायाडक्ट
  • नरेला क्षेत्र के विकास को मिलेगा बड़ा बढ़ावा, शिक्षा व खेल हब की योजनाएं तेज

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेट्रो फेज-IV के तहत रिठाला-बावाना-नरेला-कुंडली कॉरिडोर के लिए बड़ी बाधा दूर कर दी है। उन्होंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन यानी डीएमआरसी को दिल्ली जल बोर्ड की जमीन आवंटित करने की मंजूरी दे दी है। यह जमीन रिठाला से रोहिणी सेक्टर 25 तक वायाडक्ट बनाने के लिए जरूरी थी। इस फैसले से लंबे समय से रुके इस महत्वपूर्ण मेट्रो प्रोजेक्ट में तेजी आएगी।

यह मामला पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में सालों से लंबित पड़ा था। अब उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद दिल्ली जल बोर्ड रिठाला स्थित अपने एसटीपी में 50 वर्ग मीटर जमीन डीएमआरसी को स्थायी रूप से 99 साल की लीज पर देगा। इसके अलावा वायाडक्ट निर्माण के लिए 1286 वर्ग मीटर जमीन चार साल के लिए अस्थायी रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।

नियमों के मुताबिक, डीएमआरसी जल बोर्ड को कुल 75 लाख 50 हजार 353 रुपये का भुगतान करेगा। इसमें स्थायी जमीन के लिए 12 लाख 28 हजार 937 रुपये और अस्थायी जमीन के लिए 63 लाख 21 हजार 416 रुपये शामिल हैं। डीएमआरसी इस जमीन का इस्तेमाल सिर्फ मेट्रो निर्माण के लिए ही कर सकेगा।

इस फैसले से न केवल बहुप्रतीक्षित मेट्रो लाइन का काम तेज होगा बल्कि नरेला क्षेत्र के विकास को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा। नरेला को शिक्षा केंद्र, प्रमुख आवासीय इलाका और खेल हब के रूप में विकसित करने की योजनाएं अब तेजी से आगे बढ़ सकेंगी। साथ ही क्षेत्र में अन्य सुविधाएं भी बेहतर होंगी।

रिठाला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस कॉरिडोर में 21 ऊंचे स्टेशन होंगे जो उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रोहिणी, बावाना और नरेला जैसे इलाकों में ट्रैफिक और प्रदूषण को काफी कम करेंगे। औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों तक बेहतर पहुंच मिलने से आर्थिक विकास को बल मिलेगा। यह लाइन रेड लाइन मेट्रो नेटवर्क से जुड़ेगी जिससे पूरे एनसीआर में यात्रा आसान और निर्बाध हो जाएगी। खासकर सीमावर्ती और कम सुविधाओं वाले इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों को सार्वजनिक परिवहन की बेहतर सुविधा मिलेगी।


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