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करूर भगदड़ मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजा नोटिस, कहा- कुछ गलत हो रहा है

करूर भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस जेके माहेश्वरी ने कहा कि हाईकोर्ट में कुछ गलत हो रहा है। हमें देखना होगा

करूर भगदड़ मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजा नोटिस, कहा- कुछ गलत हो रहा है
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नई दिल्ली। करूर भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस जेके माहेश्वरी ने कहा कि हाईकोर्ट में कुछ गलत हो रहा है। हमें देखना होगा।

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने निर्देश दिया कि रिपोर्ट पार्टियों के वकीलों के साथ साझा की जाए और उनसे जवाब मांगा जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि तमिलनाडु सरकार ने भगदड़ के बाद सुबह 4 बजे पोस्टमॉर्टम कैसे किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे तमिलनाडु सरकार की अर्जी को बाद में सुनेंगे, जिसमें तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को 13 अक्टूबर के अंतरिम आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी करूर भगदड़ पर मद्रास हाईकोर्ट की दो अलग-अलग बेंचों के आदेश देने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने पहले तमिलनाडु में करूर भगदड़ पर मद्रास हाईकोर्ट के दो अलग-अलग आदेश देने पर सवाल उठाया था।

सबसे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चेन्नई में हाईकोर्ट की प्रिंसिपल बेंच सिर्फ राज्य पुलिस अधिकारी वाली एसआईटी बनाने का निर्देश कैसे दे सकती थी, जबकि करूर मदुरै बेंच के क्षेत्राधिकार में आता था? साथ ही, यह देखते हुए कि चेन्नई बेंच में फाइल की गई याचिका सिर्फ पॉलिटिकल रैलियों के लिए एसओपी बनाने की मांग कर रही थी।

वहीं, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने 2 दिसंबर को करूर भगदड़ मामले में सीबीआई जांच की समीक्षा शुरू की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले पुलिस की एसआईटी जांच को रोकते हुए यह मामला सीबीआई को सौंपा था और जांच की प्रत्यक्ष निगरानी के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। पूर्व एसआईटी प्रमुख, आईजी पुलिस आसरा गर्ग के नेतृत्व में जांच चल रही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थगित कर दिया गया।

सीबीआई की जांच टीम गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रवीन कुमार के नेतृत्व में कई दिनों से करूर में तैनात है। अधिकारी भीड़ के आने-जाने के वीडियो, सीसीटीवी फुटेज, सुरक्षाकर्मियों की रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर घटनाक्रम को मिनट-टू-मिनट रिक्रिएट करने में जुटे हैं।


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