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कार्ति चिदंबरम की बढ़ी मुश्किलें, राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने चीनी वीज़ा घोटाले में तय किए आरोप

राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट एस. भास्कररामन के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए जा रहे कथित चीनी वीज़ा रैकेट मामले में आरोप तय किए

कार्ति चिदंबरम की बढ़ी मुश्किलें, राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने चीनी वीज़ा घोटाले में तय किए आरोप
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राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने चीनी वीज़ा घोटाले में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ आरोप तय किए

नई दिल्ली। राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट एस. भास्कररामन के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए जा रहे कथित चीनी वीज़ा रैकेट मामले में आरोप तय किए।

अदालत ने भास्कररामन पर मामले से संबंधित महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने का भी आरोप लगाया। दोनों आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया, जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई 16 जनवरी को तय की।

सीबीआई ने विकास मखारिया को सरकारी गवाह का दर्जा दे दिया है, जिनसे अभियोजन पक्ष के मामले में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, पंजाब के मानसा स्थित एक निजी कंपनी (तलवंडी साबो पावर लिमिटेड) ने कथित तौर पर चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करवाने में मदद के लिए बिचौलियों के माध्यम से 50 लाख रुपये का भुगतान किया।

यह कंपनी 1,980 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट स्थापित कर रही थी, जिसका निर्माण कार्य एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स किया गया था। परियोजना में देरी होने के कारण, कंपनी ने कथित तौर पर गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा निर्धारित वीजा सीमा से अधिक चीनी पेशेवरों को लाने की कोशिश की।

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि इन प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए कंपनी के प्रतिनिधियों ने अपने सहयोगियों के माध्यम से चेन्नई स्थित एक व्यक्ति से संपर्क किया। आरोप है कि चीनी अधिकारियों को पहले दिए गए 263 प्रोजेक्ट वीजा का पुन: उपयोग करने की योजना बनाई गई, जिससे गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित सीमा को प्रभावी ढंग से दरकिनार किया जा सके।

इसके बाद, वीजा के पुन: उपयोग की मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को एक अनुरोध पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसे एक महीने के भीतर मंजूरी मिल गई। जांचकर्ताओं के अनुसार, चेन्नई स्थित व्यक्ति ने 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की, जिसे पंजाब स्थित फर्म ने अदा किया।

आरोप है कि यह पैसा मुंबई स्थित एक कंपनी के माध्यम से परामर्श और वीजा संबंधी कार्यों के लिए किए गए खर्चों के बहाने भेजा गया था। सीबीआई का दावा है कि मुंबई स्थित फर्म की वीजा प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं थी और वह वास्तव में औद्योगिक औजारों के व्यवसाय में लगी हुई।

एजेंसी ने आगे आरोप लगाया है कि कार्ति चिदंबरम के पिता, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने स्थापित नियमों का उल्लंघन करते हुए चीनी नागरिकों के लिए वीजा दिलाने में मदद की।


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