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नई दिल्ली में भारत-रूस रक्षा मंत्रियों की अहम बैठक, सैन्य सहयोग पर होगी चर्चा

भारत और रूस के रक्षा मंत्रियों की एक बेहद अहम मुलाकात होने जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव नई दिल्ली में 4 दिसंबर को मुलाकात करेंगे

नई दिल्ली में भारत-रूस रक्षा मंत्रियों की अहम बैठक, सैन्य सहयोग पर होगी चर्चा
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राजनाथ सिंह और आंद्रेई बेलौसोव करेंगे 22वीं इंटर गवर्नमेंटल कमीशन बैठक की संयुक्त अध्यक्षता

  • उपकरण आपूर्ति, संयुक्त उत्पादन और रक्षा तकनीक पर भारत-रूस सहयोग को मिलेगी नई मजबूती
  • रूसी रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
  • एसजे-100 विमान समझौते और आईएनएस तमाल से भारत-रूस साझेदारी में नया अध्याय

नई दिल्ली। भारत और रूस के रक्षा मंत्रियों की एक बेहद अहम मुलाकात होने जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव नई दिल्ली में 4 दिसंबर को मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के रक्षा मंत्री इंटर गवर्नमेंटल कमीशन ऑन मिलिट्री एंड मिलिट्री टेक्निकल कॉपरेशन की 22वीं मंत्रिस्तरीय बैठक की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे।

बैठक के दौरान दोनों नेता रक्षा क्षेत्र में भारत और रूस के बीच चल रहे बहुआयामी सहयोग की विस्तृत समीक्षा करेंगे। इसमें सैन्य सहयोग, रक्षा उद्योग, उपकरणों की आपूर्ति, संयुक्त उत्पादन, और सैन्य तकनीकी सहयोग जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, दोनों देश वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा परिस्थितियों तथा परस्पर हित से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। अपने भारत दौरे के दौरान रूसी रक्षा मंत्री नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे उन वीर जवानों को नमन करेंगे जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया।

यह बैठक दोनों देशों के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अपेक्षा है कि इसमें रक्षा तकनीक, सैन्य हार्डवेयर में सहयोग, संयुक्त परियोजनाओं और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देने पर जोर रहेगा।

बता दें कि बीते दिनों ही नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भी भारत व रूस के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस की पब्लिक ज्वाइंट स्टॉक कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने एसजे-100 नागरिक विमान के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। अक्टूबर माह के अंत में दोनों कंपनियों ने इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

गौरतलब है एचएएल भारतीय वायुसेना के लिए आधुनिक लड़ाकू विमानों का निर्माण भी कर रही है। एचएएल के मुताबिक यह समझौता 27 अक्टूबर को रूस की राजधानी मॉस्को में किया गया था। माना जा रहा है कि एसजे-100, भारत के लिए गेम-चेंजर विमान साबित हो सकता है। दरअसल, एसजे-100 एक ट्विन-इंजन, नैरो-बॉडी कम्यूटर एयरक्राफ्ट है। इसका उपयोग क्षेत्रीय और शॉर्ट-हॉल यात्राओं के लिए किया जाता है। अब तक दुनिया भर में 200 से अधिक विमान निर्मित किए जा चुके हैं और इन्हें 16 से अधिक वाणिज्यिक एयरलाइंस द्वारा संचालित किया जा रहा है।

यह विमान भारत की उड़ान योजना के तहत क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देने में गेम चेंजर साबित होगा। समझौते के तहत एचएएल को भारत में घरेलू ग्राहकों के लिए एसजे-100 विमान का निर्माण करने का विशेष अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही भारतीय विमानन इतिहास में यह एक नया अध्याय जुड़ रहा है। वहीं, आतंकवाद के खिलाफ भारत और रूस एक दूसरे के सहयोगी हैं। दोनों ने हाल ही में आतंकवाद रोधी बहुराष्ट्रीय अभ्यास भी किया है। इसके तहत दोनों देशों की सेनाओं ने रूस में संयुक्त युद्धाभ्यास किया था। रूस में आयोजित इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास का मुख्य लक्ष्य भारत व रूसी सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना था।

साथ ही, यहां पारंपरिक युद्धकला और आतंकवाद-रोधी अभियानों में साझा रणनीति और आधुनिक तकनीकों का आदान-प्रदान किया गया। यह अभ्यास 10 सितंबर को शुरू हुआ था। इस भारतीय सैन्य दल में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जवान एवं अधिकारी शामिल थे। रक्षा सहयोग की बात करें तो भारत का आधुनिक युद्धपोत ‘आईएनएस तमाल’ इसी वर्ष जुलाई में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।

भारतीय नौसेना ने रूस के यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में आयोजित एक भव्य समारोह में नवीनतम स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तमाल को औपचारिक रूप से नौसेना में कमीशन किया था। रूस में बना यह अत्याधुनिक युद्धपोत न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल, केमिकल रक्षा प्रणाली से लैस है। इसमें हेलिकॉप्टर संचालन की बेहतरीन क्षमता है। इसके अलावा, इस युद्धपोत को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल व वर्टिकल लॉन्च सतह से वायु में मार करने वाली मिसाइल से सुसज्जित किया गया है।

युद्धपोत 100 मिमी मुख्य तोप, हैवी टॉरपीडो और रॉकेट्स क्षमता युक्त हैं। तकनीकी विशेषताओं की बात करें तो इसमें उन्नत संचार और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमताएं हैं।


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