Top
Begin typing your search above and press return to search.

यूएस के एच-1बी वीजा पर विदेश मंत्रालय की आई पहली प्रतिक्रिया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा के नियम सख्त कर दिए। यूएस के एच-1बी वीजा पर भारत सरकार की पहली प्रतिक्रिया आई है

यूएस के एच-1बी वीजा पर विदेश मंत्रालय की आई पहली प्रतिक्रिया
X

एच-1बी वीजा नियमों पर भारत की पहली प्रतिक्रिया, विदेश मंत्रालय ने जताई चिंता

  • यूएस वीजा बदलाव पर भारत सरकार सतर्क, मानवीय असर की आशंका
  • एच-1बी वीजा पर सख्ती के बीच भारत ने अमेरिका से परामर्श की उम्मीद जताई
  • भारत ने ट्रंप के वीजा फैसले पर जताई चिंता, परिवारों पर असर की चेतावनी

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा के नियम सख्त कर दिए। यूएस के एच-1बी वीजा पर भारत सरकार की पहली प्रतिक्रिया आई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि भारत सरकार को यूएस एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्ट्स की जानकारी है। इस उपाय के पूर्ण निहितार्थों का अध्ययन सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल हैं, जिसने एच-1बी कार्यक्रम से संबंधित कुछ धारणाओं को स्पष्ट करते हुए एक प्रारंभिक विश्लेषण पहले ही प्रस्तुत कर दिया है।

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के उद्योगों की नवाचार और रचनात्मकता में रुचि है और उनसे आगे के सर्वोत्तम मार्ग पर परामर्श की अपेक्षा की जा सकती है। कुशल प्रतिभाओं की गतिशीलता और आदान-प्रदान ने संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में प्रौद्योगिकी विकास, नवाचार, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में अत्यधिक योगदान दिया है, इसलिए नीति निर्माता पारस्परिक लाभों को ध्यान में रखते हुए हाल के कदमों का मूल्यांकन करेंगे, जिसमें दोनों देशों की जनता के बीच मजबूत संबंध भी शामिल हैं।

रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस उपाय के परिवारों के लिए उत्पन्न व्यवधान के रूप में मानवीय परिणाम होने की संभावना है। सरकार को उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी इन व्यवधानों का उचित समाधान कर सकते हैं।

इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम में बड़े बदलाव करने के लिए एक घोषणा पत्र पर साइन किए। इस घोषणापत्र के अनुसार, अब प्रत्येक आवेदन के लिए प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर का शुल्क देना होगा। ट्रंप का कहना है कि इसका मकसद विदेशी कामगारों की बजाय अमेरिकी लोगों को नौकरी देना है।

व्हाइट हाउस में आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारी नौकरियां हमारे नागरिकों को मिलें। हमें अच्छे कामगार चाहिए और यह कदम उसी दिशा में है।”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it