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पिछले 11 वर्षों में भारत के एक्सप्रेसवे की लंबाई 93 किलोमीटर से बढ़कर 5,110 किलोमीटर हो गई है : नितिन गडकरी

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में बताया कि भारत में एक्सप्रेसवे सहित एक्सेस-कंट्रोल्ड नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर (प्रवेश-नियंत्रित राष्ट्रीय उच्च गति गलियारों) की लंबाई मार्च 2014 में मात्र 93 किलोमीटर थी जो बढ़कर वर्तमान में लगभग 5,110 किलोमीटर हो गई है

नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में बताया कि भारत में एक्सप्रेसवे सहित एक्सेस-कंट्रोल्ड नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर (प्रवेश-नियंत्रित राष्ट्रीय उच्च गति गलियारों) की लंबाई मार्च 2014 में मात्र 93 किलोमीटर थी जो बढ़कर वर्तमान में लगभग 5,110 किलोमीटर हो गई है।

मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि 5,110 किलोमीटर लंबाई में से 2,636 किलोमीटर पहले ही चालू हो चुकी है।

मंत्री ने अपने उत्तर में यह भी बताया कि भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क की कुल लंबाई मार्च 2014 में 91,287 किलोमीटर से बढ़कर वर्तमान में 1,46,342 किलोमीटर हो गई है।

पिछले 11 वर्षों में देश में राजमार्ग निर्माण की गति में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2014-15 में 12 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़कर 2023-24 में 34 किलोमीटर प्रतिदिन तथा 2024-25 में 29 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है।

गडकरी ने कहा कि वर्तमान में देश में 7.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 29,400 किलोमीटर लंबी 1,240 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।

मंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने अप्रैल 2014 से अब तक देश भर में राज्य राजमार्गों (एसएच) और ग्रीनफील्ड खंडों सहित लगभग 54,004 किलोमीटर राज्य सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गों के रूप में अधिसूचित करने के बाद, उन्हें अपने हाथ में लिया है। इससे केंद्र को राजमार्ग विकास की गति में तेजी लाने में मदद मिली है।

सरकार को समय-समय पर विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से राज्य के राजमार्गों सहित राज्य सड़कों को नए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के प्रस्ताव प्राप्त होते रहते हैं। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की घोषणा के व्यापक सिद्धांतों, कनेक्टिविटी की आवश्यकता, यातायात घनत्व, पारस्परिक प्राथमिकता और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के साथ तालमेल के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं।

वर्तमान में, राजस्थान और असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग 91,290 करोड़ रुपये की लागत वाली 206 निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं विलंबित हैं। इनमें से अधिकांश परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से 2025-26 तक पूरा किया जाना है और केवल कुछ ही परियोजनाओं के 2026-27 से आगे बढ़ने की उम्मीद है। मंत्री ने बताया कि इनमें से एक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना, जिसका निर्माण 410 करोड़ रुपये के निवेश से किया जा रहा है, राजस्थान के जालौर जिले से होकर गुजरती है और इसका लक्ष्य 2025-26 में पूरा होना है।


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