स्पैम कॉल को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चिंतित, पूछा-क्या खाते में जमा पैसे महफूज हैं?
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को साइबर शिक्षित भारत कार्यक्रम में फेक कॉल पर चिंता जताई

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को साइबर शिक्षित भारत कार्यक्रम में फेक कॉल पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "मैं जब कभी किसी आम व्यक्ति से मुलाकात करता हूं, तो अक्सर उसके जेहन में फेक कॉल को लेकर चिंता स्पष्ट रूप से नजर आती है। ऐसी स्थिति में इस सवाल का उठना लाजिमी है कि क्या बैंक खाते में जमा पैसे महफूज हैं?
रामनाथ कोविंद ने कहा, "मैं खुद कई बार स्पैम कॉल को लेकर चिंता जाहिर कर चुका हूं। इस बात की क्या गारंटी है कि लोगों के खाते में जमा पैसों में कोई सेंधमारी नहीं कर सकता?
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि आज की तारीख में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर लोगों के खाते में जमा पैसों को कैसे सुरक्षित रखा जाए? अब जरा इस पूरी वस्तुस्थिति को समझने के लिए आप मेरा उदाहरण ले लीजिए। मुझे हर महीने पेंशन मिलती है। मौजूदा समय में यही मेरे लिए एकमात्र पैसे का स्रोत बचा है। ऐसी स्थिति में जब कभी मेरे पास स्पैम कॉल आता है तो मैं तत्काल बैंक से टेली करता हूं और यह पता लगाने की कोशिश करता हूं कि कहीं मेरे खाते से पैसे तो नहीं निकल गए?
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस तरह की स्थिति महज मेरे साथ ही पैदा नहीं होती है, बल्कि इस सभागार में बैठे अधिकांश लोगों की यही फिक्र रहती है।
उन्होंने ‘साइबर शिक्षित कार्यक्रम’ में आए लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं आप लोगों को शिक्षक समझता हूं। ऐसी स्थिति में आपका एक शिक्षित होने के नाते यह कर्तव्य बन जाता है कि आप लोगों को बताएं कि कैसे वो अपनी कमाई को सुरक्षित रखें, ताकि निकट भविष्य में उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुझे इस बात का हर्ष है कि इस कार्यक्रम में आने का मौका मिला। यह कहना गलत नहीं होगा कि जब कोई भी देश तकनीक को आत्मसात करता है, तो उसके लिए निकट भविष्य में कई तरह के रोजगार सृजित होते हैं। इसके अलावा मुझे इस बात की भी खुशी है कि इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व प्रख्यात लोग उपस्थित हुए हैं, जिनका मकसद तकनीक के आगमन के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए रूपरेखा तैयार कर उसे जमीन पर उतारने की दिशा में काम करना है।


